टिड्डी दल से निपटने को राज्य सरकार ने बनाई त्रिस्तरीय कमेटी
रांची राजस्थान उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश एवं देश के अन्य प्रांतों में हुए मरुस्थलीय टिड्डी दल के हमले को झारखंड में हमले को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय कमेटी का गठन किया है।
रांची : राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं देश के अन्य प्रांतों में हुए मरुस्थलीय टिड्डी दल के हमले से सबक लेते हुए राज्य सरकार ने इससे निपटने के लिए राज्य स्तर, जिला स्तर व प्रखंड स्तर पर नियंत्रण एवं मॉनीटरिग टीम का गठन किया है। झारखंड में भी टिड्डी दल के संभावित हमले की आशंका बताई जा रही है। माना जा रहा है कि यह कीट हवा की दिशानुसार किसी भी पूर्वी राज्यों के साथ-साथ झारखंड में भी प्रवेश कर सकता है। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने शनिवार को इस संदर्भ में आदेश जारी किया है।
कृषि विभाग का मानना है कि इस त्रिस्तरीय व्यवस्था के माध्यम से टिड्डी नियंत्रण का कार्य कर फसलों व हरियाली को नुकसान से बचाया जा सकता है। राज्य, जिला व प्रखंड स्तर पर गठित नियंत्रण व प्रबंधक कार्यदल के दायित्वों का भी स्पष्ट बंटवारा किया गया है। राज्य स्तरीय कार्यदल के तहत राज्य स्तर पर एक प्रकोष्ठ कार्यरत होगा। इस प्रकोष्ठ में सहायक पदाधिकारी एवं कर्मी के रूप में पीएमयू के कर्मचारी, एक कंप्यूटर ऑपरेटर व सहायक की प्रतिनियुक्ति की जाएगी, जो प्रतिदिन की जानकारी एकत्र करेंगे। इस प्रकोष्ठ में एक लैंडलाइन हेल्पलाइन सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। यह टीम प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार एवं शुक्रवार को सामान्य बैठक कर इस कीट संबंधी जिला स्तरीय कार्यदल के प्राप्त सूचनाओं की समीक्षा करेगी। यह टीम टिड्डी नियंत्रण से संबंधित भारत सरकार के कार्यालयों से समन्वय भी करेगी। टीम का यह भी दायित्व होगा कि राज्य स्तर पर अग्नि शमन विभाग से समन्वय स्थापित कर आवश्यकता पड़ने पर उनकी सेवाएं ले।
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कीटनाशकों के भंडारण के साथ उसके छिड़काव की व्यवस्था की जाएगी :
जिला स्तरीय टीम रासायनिक कीटनाशकों के भंडारण की व्यवस्था के साथ-साथ उसकी उपयोगिता सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा पिकअप वैन, छोटे ट्रक, ट्रैक्टर की व्यवस्था भी आपात परिस्थिति के लिए यह टीम करेगी। ताकि आवश्यकता पड़ने पर प्लास्टिक टैंकों को इस वाहनों में रखकर उनमें कीटनाशक के घोल बनाकर उसके छिड़काव में आसानी हो। अग्निशमन के स्थानीय कार्यालय से भी यह टीम जुड़कर काम करेगी, ताकि आवश्यकता पड़ने पर अल्प सूचना में टिड्डी दल पर दवा का त्वरित छिड़काव किया जा सके।
पारंपरिक उपाय भी अपनाए जाएंगे :
टिड्डी दल के हमले की अवस्था में पारंपरिक उपाए भी अपनाए जाएंगे। जैसे धुंआ उत्पन्न करना, नगाड़े, बर्तन आदि पीटकर टिड्डी दल को भगाना। इसके लिए कृषक मित्रों के माध्यम से ग्राम स्तरीय टिड्डी दल का भी गठन किया जाएगा। इसके अलावा प्रखंड स्तरीय टीम यह भी सुनिश्चित करेगी कि जब टिड्डी दल रात्रि विश्राम के बैठे तब सभी सुरक्षा के उपायों का ध्यान रखते हुए उन पर कीटनाशक का प्रयोग किया जाए।
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राज्य स्तरीय टिड्डी नियंत्रण टीम :
निदेशक समेति को इस टीम की कमान सौंपी गई है, जबकि इसके संयोजक उप कृषि निदेशक (पौधा संरक्षण) रांची होंगे। टीम में राज्य अग्नि शमन पदाधिकारी रांची, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची, उप कृषि निदेशक, कृषि निदेशालय, रांची, केंद्रीय एकीकृत नाशजीव प्रबंधन केंद्र के प्रभारी को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
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जिला स्तरीय पर गठित टिड्डी नियंत्रण कार्यदल :
उप विकास आयुक्त की कमान में गठित इस टीम के संयोजक जिला कृषि पदाधिकारी होंगे। इस कार्यदल में बतौर सदस्य वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, जिलास्तरीय अग्नि शमन विभाग के पदाधिकारी, कनीय पौधा संरक्षण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
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प्रखंड स्तर पर टिड्डी नियंत्रण कार्यदल :
प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यरत इस टीम का संयोजक प्रखंड तकनीकी प्रबंधक को बनाया गया है। इस कार्यदल में प्रखंड कृषि पदाधिकारी, सहायक तकनीकी प्रबंधक, वरीय जनसेवक और प्रत्येक पंचायत से एक कृषक मित्र को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।