चुनावी साल में तोहफे ही तोहफे... पढ़ें झारखंड कैबिनेट के फैसले
Jharkhand. सरकार चुनावी साल में आम जनता को तोहफे दिए हैं। एक तरफ मनरेगा कर्मियों का मानदेय बढ़ा दिया गया है वहीं स्वर्णकार पिछड़े वर्ग को अधिसूची 2 में शामिल किया गया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Government Raghubar Das - राज्य सरकार ने मनरेगा कर्मियों को राहत प्रदान करते हुए रोजगार सेवकों से लेकर अभियंताओं और कार्यालय के कर्मियों तक का मानदेय बढ़ा दिया है। इसके तहत रोजगार सेवकों का मानदेय न्यूनतम 6050 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की डेटलाइन 30 मई निर्धारित कर दी गई है। मतलब यह कि जिसके पास 30 मई तक कृषि भूमि होगी उसे लाभ मिलेगा। मंगलवार को राज्य कैबिनेट ने कुल 14 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की।
इसके अलावा अन्यान्य प्रस्ताव के तहत कैबिनेट ने कैंप लगाकर लगान रसीद काटने का आदेश दिया है। मनरेगा कर्मियों के मानदेय बढ़ाने के साथ ही सरकार ने अनुभव को प्राथमिकता दी है और रोजगारसेवकों को अनुभव के आधार पर 1-2 हजार रुपये अधिक का मानदेय दिया जाएगा। पूर्व में दी जानेवाली इंसेंटिव राशि को अब खत्म कर दिया गया है।
ऐसे बढ़ा है मनरेगाकर्मियों का मानदेय
रोजगार सेवकों का न्यूनतम मानदेय : 7500 रुपये
5-10 साल के अनुभव पर मानदेय : 8500 रुपये
10 साल से अधिक अनुभव पर मानदेय : 9500 रुपये
ब्लॉक प्रोग्राम अधिकारी : 19500 रुपये
5-10 साल अनुभव पर : 20000 रुपये
सहायक अभियंता : 19234 रुपये
5-10 साल अनुभव पर : 19734 रुपये
जूनियर इंजीनियर : 17520 रुपये
5-10 साल अनुभव पर : 18020 रुपये
एकाउंटेंट व ऑपरेटर : 10000 रुपये
5-10 साल अनुभव पर : 10500 रुपये
आशीर्वाद योजना के लिए 30 मई का डेटलाइन
मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत सरकार ने 30 मई 2019 को डेटलाइन तय कर दिया है। इसका मतलब यह है कि इस तिथि तक जिसके पास कृषि योग्य भूमि होगी उसे योजना का लाभ मिलेगा। कैबिनेट इसके साथ ही योजना का लाभ दो या दो से अधिक किस्तों में देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। कृषि निदेशक और सभी उपायुक्तों को दो-दो खातों का निर्धारण करने का निर्देश दिया गया है।
एक में योजना की राशि होगी और दूसरे में कंटींजेंसी फंड। सभी अंचलाधिकारी लाभुकों की सूची एसडीओ व अपर समाहर्ता को भेजेंगे जहां से जांच के बाद सूची उपायुक्तों तक पहुंचेगी। इसके बाद उपायुक्त सूची की जांच कर सभी के खाते में डीबीटी से राशि मुहैया कराने का निर्देश देंगे। प्रधानमंत्री किसान योजना की वे शर्तें इसमें भी लागू होंगी जिसके आधार पर लाभुकों को वंचित किया जाता है। मसलन सरकारी सेवकों को लाभ नहीं मिलेगा।
विधायक निधि का उपयोग अब जलापूर्ति योजनाओं में करने का निर्णय लिया गया है। विधायक निधि मद में प्राप्त चार करोड़ रुपये में से 50 लाख रुपये जलापूर्ति योजनाओं के लिए सभी विधायक देंगे। पूर्व में स्वच्छता, ओडीएफ, स्ट्रीट लाइट आदि के लिए विधायक मद से राशि देने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा विधायक मद में बची पुरानी राशि का इस्तेमाल भी जलापूर्ति योजनाओं के लिए होगा।
जमशेदपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 7 एकड़ भूखंड नगर विकास को
जमशेदपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए सात एकड़ भूखंड नगर विकास विभाग को निश्शुल्क देने का निर्णय कैबिनेट ने लिया है। शहरी क्षेत्र के वार्ड संख्या 11 में 5 एकड़ भूखंड और वार्ड संख्या 2 में 2 एकड़ भूखंड दिया जाएगा। दोनों जमीन टाटा लीज क्षेत्र की है। इन भूखंडों पर बेघरों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना का निर्माण हो सकेगा।
स्वर्णकार पिछड़े वर्ग की अनुसूची-2 में शामिल
कैबिनेट ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग के उस प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी है जिसमें स्वर्णकार को पिछड़ा वर्ग अनुसूची में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। सूची में क्रमांक 29 पर सोनार और असलोही कर्मकार जातियों के साथ स्वर्णकार का भी नाम होगा।
प्रदूषण जांच का शुल्क बढ़ा, सरकार को भी आमदनी होगी
कैबिनेट ने झारखंड मोटरगाड़ी नियमावली 2001 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है जिसके तहत प्रदूषण जांच केंद्रों के स्थापना पर शुल्क का निर्धारण किया गया है। आम लोगों से वसूली गई राशि से भी सरकार को हिस्सेदारी दी जाएगी। प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना के लिए तीन साल के लिए मिलने वाले लाइसेंस की फी 10 हजार रुपये होगी, जांच केंद्र का स्थल बदलने के लिए 5 हजार रुपये देने होंगे।
इसी प्रकार दोपहिया वाहनों से 50 रुपये शुल्क पर सरकार को 20 रुपये मिलेंगे, तीन पहिया वाहनों से 80 रुपये पर सरकार को 30 रुपये, चार पहिया वाहन पर 120 रुपये में से सरकार को 40 रुपये और भारी वाहन पर 300 रुपये में से सरकार को 100 रुपये मिलेंगे।
कैबिनेट के अन्य फैसले
- डीवीसी को भुगतान करने के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का एकमुश्त भुगतान।
- टीटीपीएस ललपनिया का भविष्य में विस्तारीकरण हुआ तो 40 फीसद बिजली बिहार को दी जाएगी। इसके लिए दर का निर्धारण प्राधिकार करेगा।
- स्वैच्छिक, सांस्कृतिक संस्थानों को विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सरकार 10 लाख रुपये तक अनुदान दे सकेगी।
- जीएसटी के लिए दरों के निर्धारण से संबंधित 77 अधिसूचनाओं को घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।
- कारखाना नियमावली के तहत एक से 10 वर्षों के लिए देय लाइसेंस की अवधि को अब 15 वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति के बाद शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि का लाभ
प्राथमिक शिक्षकों को स्नातक प्रशिक्षित तथा प्रधानाध्यापक (ग्रेड चार एवं सात) के पद पर प्रोन्नति में एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। केंद्र द्वारा निर्धारित मौलिक नियम के प्रावधानों के तहत यह लाभ देय होगा। कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में योजना सह वित्त विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई। शिक्षक इसकी लगातार मांग कर रहे थे। कालावधि प्रोन्नति में यह लाभ नहीं दिया जाएगा।
दरअसल, पूर्व में प्राथमिक शिक्षकों को स्नातक प्रशिक्षित तथा प्रधानाध्यापक (ग्रेड चार एवं सात) में प्रोन्नति पर एक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जा रहा था, लेकिन तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस पर रोक लगा दी थी। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा इसका विरोध किए जाने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने योजना सह वित्त विभाग से इस पर परामर्श मांगा। इसके बाद योजना सह वित्त विभाग के संज्ञान में यह मामला आया। इसके बाद केंद्र की मौलिक नियम के उस प्रावधानों के तहत इसका लाभ देने का निर्णय लिया गया।
इसमें कहा गया है कि शिक्षकों को अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण कर्तव्यों एवं दायित्वों के पद पर प्रोन्नति होने की स्थिति में वेतन का निर्धारण मौलिक नियमावली के नियम एफआर 22(1)ए(1) के तहत होगा एवं प्रोन्नति के बाद अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण कर्तव्यों एवं दायित्वों के ग्रहण नहीं होने की स्थिति में वेतन का निर्धारण मौलिक नियम के नियमावली एफआर 22(1)ए(2) के तहत होगा। पहले मामले में एक वेतनवृद्धि का लाभ देय होगा, जबकि दूसरे मामले में यह लाभ देय नहीं होगा। शिक्षकों ग्रेड दो, तीन, पांच तथा छह के पदों पर प्रोन्नति में दूसरा मामला लागू होता है।
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