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बजट की तैयारियों में जुटी सरकार, योजना सह वित्त विभाग ने विभिन्न विभागों से मांगा ब्योरा

झारखंड सरकार अगले वित्तीय वर्ष की बजट तैयारियों में जुट गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 06:20 AM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 06:20 AM (IST)
बजट की तैयारियों में जुटी सरकार, योजना सह वित्त विभाग ने विभिन्न विभागों से मांगा ब्योरा
बजट की तैयारियों में जुटी सरकार, योजना सह वित्त विभाग ने विभिन्न विभागों से मांगा ब्योरा

रांची। झारखंड सरकार अगले वित्तीय वर्ष की बजट तैयारियों में जुट गई है। इस बाबत योजना सह वित्त विभाग ने सरकार के सभी विभागों से वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट प्राक्कलन का ब्योरा मांगते हुए इसकी मियाद तय की है। स्थापना व्यय इत्यादि के लिए 28 नवंबर तक प्रस्ताव भेजने को कहा गया है जबकि सामान्य बजट जिसमें राज्य व केंद्र प्रायोजित स्कीम और केंद्रीय सेक्टर की स्कीम शामिल हैं का ब्योरा भेजने की तिथि 12 दिसंबर तय की गई है।

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वित्त विभाग के स्तर से प्रेषित पत्र में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिवों और विभागाध्यक्षों से स्पष्ट कहा गया है कि जो योजनाएं अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो चुकीं हैं उसके लिए राशि का उपबंध न किया जाए।

इसकी जगह नई योजनाएं प्रस्तावित की जाएं। बजट को चार भागों राजस्व प्राप्तियां, स्थापना व्यय, केंद्रीय सहायता अंतर्गत स्कीम और राज्य स्कीम में विभक्तकिया गया है।

पेश होगा बाल कल्याण बजट

कृषि व जेंडर बजट पेश कर चुकी सरकार अगले वित्तीय वर्ष में बच्चों के लिए अलग बजट पेश करेगी। बाल कल्याण बजट का आधार राज्य में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या को देखते हुए बनाया गया है। महिला एवं बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग को यह निर्देश दिया गया है कि वह विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर बाल कल्याण बजट तैयार करे।

बच्चों के लिए पर्यटन एवं खेलकूद, कल्याण विभाग, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, श्रम विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जाता है। अब इन सभी विभागों से महिला एवं बाल विकास विभाग को समन्वय करना होगा।

राजस्व उगाही पर होगा विशेष जोर

राज्य सरकार का पूरा फोकस राजस्व प्राप्तियों पर है। राजस्व उगाही से जुड़े विभागों से स्पष्ट कहा गया है कि वे गत तीन वर्ष की राजस्व प्राप्तियों का आकलन कर 2019-20 की वसूली की संभावना दिखाएं। राजस्व प्राप्तियों में राज्य के करों से प्राप्त आय एवं गैर कर आय जैसे रायल्टी, सार्वजनिक उपक्रम से अर्जित लाभांश, सरकारी उधारों पर ब्याज तथा अन्य स्रोतों से विभागों की आय शामिल होगी।


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