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13 की उम्र से ही करने लगे नौकरी, 47 वर्ष बाद हुए सेवानिवृत्त; पढ़ें यह खास खबर Garhwa News

Jharkhand Garhwa News गढ़वा में लेखा लिपिक पद से सेवानिवृत्त हुए रामनंदन पासवान ने 1978 में योगदान दिया था। रामनंदन ने 13 जुलाई 2020 को स्वत योगदान समर्पित किया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 09:05 AM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 10:46 AM (IST)
13 की उम्र से ही करने लगे नौकरी, 47 वर्ष बाद हुए सेवानिवृत्त; पढ़ें यह खास खबर Garhwa News
13 की उम्र से ही करने लगे नौकरी, 47 वर्ष बाद हुए सेवानिवृत्त; पढ़ें यह खास खबर Garhwa News

गढ़वा, [दीपक]। पथ निर्माण विभाग से 31 मई 2020 को सेवानिवृत्त हुए लेखा लिपिक रामनंदन पासवान ने महज 13 वर्ष की उम्र में विभाग में लिपिक की नौकरी हासिल कर 47 वर्षों तक सेवा दी। सेवापुस्त में इनकी जन्मतिथि 15 मई 1965 तथा विभाग में प्रथम योगदान की तिथि एक जुलाई 1978 दर्ज है। सरकारी प्रावधान के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मी अधिक से अधिक 42 वर्षों तक ही नौकरी कर सकता है।

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कुबेर इंप्लायर पोर्टल के अनुसार रामनंदन पासवान की जन्मतिथि 15 मई 1960 एवं सेवानिवृत्ति की तिथि 31 मई 2020 अंकित है, जबकि सेवापुस्त एवं एचआरएमएस में अंकित तिथि 15 मई 1965 है। ऐसे में इनकी सेवानिवृत्ति की तिथि 31 मई 2025 होती है। रामानंदन पासवान की सेवानिवृत्ति की तिथि में विसंगति से विभागीय पदाधिकारी जहां ऊहापोह में हैं, वहीं उक्त तथ्यों का हवाला देकर रामनंदन पासवान ने 13 जुलाई 2020 को विभाग में स्वत: योगदान समर्पित कर दिया है।

इसी कार्यालय में काम करते थे रामनंदन।

इसके बाद से उनके द्वारा योगदान के लिए विभागीय पदाधिकारी पर दबाव बनाया जा रहा है। इनके मामले की पेचीदगी देख कार्यपालक अभियंता विजय कुमार अग्रवाल ने सचिव, पथ निर्माण विभाग, झारखंड को पत्र लिखकर मार्गदर्शन की मांग की है। रामनंदन पासवान का यह मामला विभाग के लिए गले का फांस बन गया है। सवाल यह है कि किस परिस्थिति में विभाग ने महज 13 वर्ष की उम्र में उनका प्रथम योगदान कराया।

47 वर्षों के सेवाकाल में उनकी सेवापुस्त कई अधिकारियों के सामने से होकर गुजरने के दौरान आखिर किसी अधिकारी की नजर इतनी बड़ी विसंगति पर कैसे नहीं पड़ी। फिलहाल सबकी नजर इस पर है कि कार्यपालक अभियंता द्वारा मांगे गए मार्गदर्शन के आलोक में विभागीय सचिव का क्या आदेश होता है।

'यह मामला अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं आया है। सोमवार को अधिकारियों से जानकारी लेकर ही कुछ बता सकते हैं।' -सुनील कुमार, सचिव, पथ निर्माण विभाग, झारखंड।


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