झारखंड के किसानों को ऐसे मिलेंगे 11 से 31 हजार रुपये
Jharkhand Budget. कृषि विभाग की योजनाओं के लिए 3141.50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसमें से 2000 करोड़ सिर्फ मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना में खर्च होंगे।
रांची, [आनंद मिश्र]। संसाधन सीमित हो तो कहीं तो कटौती करनी ही पड़ती है। बजट का फंडा भी यही होता है। यही वजह है कि कृषि बजट को दोगुना करने के बावजूद राज्य सरकार को पूर्व से चली आ रही कई कृषि योजनाओं में कटौती करनी पड़ रही है। दरअसल, मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का भार ही इतना अधिक है कि कटौती के अलावा कोई और गुंजाइश बचती ही नहीं थी। वर्ष 2019-20 में कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 3141.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, इसमें सिर्फ मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना पर ही 2000 करोड़ रुपये व्यय होंगे। जो कि कुल बजट का करीब दो तिहाई (63.66 प्रतिशत) है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए जो बजट तैयार किया गया है उसमें किसानों के लिए चलाई जा रही करीब दर्जन भर राज्य योजनाओं की राशि में कटौती की ही गई है। केंद्रीय योजनाओं के राज्यांश में भी कमी हुई है। राज्य की करीब 11 योजनाओं में 260 करोड़ की कटौती की गई है। केंद्रीय योजनाओं में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। केंद्रीय योजनाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में 221.60 करोड़ रुपये राज्यांश का प्रावधान किया गया था जबकि अगले वित्तीय वर्ष के लिए 145.00 करोड़ रुपये का ही प्रावधान किया गया है। जाहिर है राज्य व केंद्र द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं में 336.6 करोड़ रुपये की कटौती की गई है।
किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ पांच हजार रुपये : मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ पांच हजार रुपये सहायता राशि के तौर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। यह राशि अधिकतम पांच एकड़ के लिए दी जाएगी। सीधे शब्दों में समझें तो जिन किसानों के पास दो एकड़ जमीन है उन्हें दस हजार, जिनके पास तीन एकड़ है उन्हें 15 हजार, जिनके पास चार एकड़ है उन्हें बीस हजार और जिनके पास पांच एकड़ जमीन है उन्हें 25 हजार रुपये प्रति वर्ष दिए जाएंगे। इस योजना का लाभ राज्य के 22 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा।
किस योजना में कितनी कटौती
बीज विनियम वितरण एवं बीजोत्पादन योजना का बजट पहले 50 करोड़ था, जिसे घटाकर इस बजट में 20 करोड़ कर दिया गया है।कृषि प्रभाग अंतर्गत विभिन्न निगमों, एजेंसियों एवं मिशन को अनुदान के लिए बीते वित्तीय वष में 15 करोड़ का बजटीय प्रबंध किया गया था। इस बार यह 9 करोड़ रखा गया है। विशेष फसल योजना का बजट पिछली बार के मुकाबले 22 करोड़ से घटाकर 1 करोड़ कर दिया गया है।
सिंगल विंडो सेंटर की स्थापना व मोबाइल बेस्ड सॉल्यूशन के लिए 26 करोड़ की बजाय 20 करोड़ ही दिया गया है। इसी तरह कंवर्सन ऑफ फैलो लैंड टू क्रॉप एरिया मद में 20 करोड़ से घटाकर 5 करोड़, डबल क्रॉपिंग राइस फैलो स्कीम के लिए 32 करोड़ के बदले 20 करोड़ रुपये बजट में दिया गया है। मृदा सुधार प्रबंधन योजना के लिए 20 करोड़ के बजट को कम कर 10 करोड़ किया गया है।
कृषकों, महिला एवं स्वयं सहायता समूहों को कृषि यंत्र के लिए 180 करोड़ के पिछले साल के बजट को घटाकर 100 करोड़ कर दिया गया है। इंटरेस्ट सबवेंशन मद में 40 के बदले 20 करोड़ का बजटीय प्रबंध किया गया है।आधारभूत संरचनाओं की स्थापना तथा कृषि हाट का निर्माण मद में बजट को 24 करोड़ से घटाकर 4 करोड़ कर दिया गया है। बिरसा कृषि विवि को सहाय्य अनुदान मद में 90 करोड़ के बदले 50 करोड़ का प्रावधान नए साल के बजट में है।