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कांग्रेस में अनुच्‍छेद 370 को लेकर अलग-अलग सुर, पूर्व युवा अध्‍यक्ष ने बताया देशहित का फैसला

अनूप सिंह ने कहा कि हमेशा सरकार का विरोध करना विपक्ष का काम नहीं। सरकार के सराहनीय कार्यों की प्रशंसा करना भी विपक्ष का काम है। वे इस फैसले को देशहित में मानते हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 10:47 AM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 08:55 PM (IST)
कांग्रेस में अनुच्‍छेद 370 को लेकर अलग-अलग सुर, पूर्व युवा अध्‍यक्ष ने बताया देशहित का फैसला
कांग्रेस में अनुच्‍छेद 370 को लेकर अलग-अलग सुर, पूर्व युवा अध्‍यक्ष ने बताया देशहित का फैसला

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। संविधान के अनुच्छेद-370 की समाप्ति पर कांग्र्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर मची उथलपुथल का असर झारखंड में भी देखने को मिल रहा है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस में भी अनुच्छेद-370 को लेकर मतभिन्नता है। युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने अनुच्छेद-370 को निरस्त करने को देशहित में बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी बातें साझा करते हुए इस कदम की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि हमेशा सरकार का विरोध करना विपक्ष का काम नहीं। सरकार के सराहनीय कार्यों की प्रशंसा करना भी विपक्ष का काम है। वे व्यक्तिगत तौर पर इस फैसले को देशहित में मानते हैं।

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कांग्रेस ने उठाया केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल

हालांकि, प्रदेश कांग्र्रेस कमेटी के अधिसंख्य नेता पार्टी लाइन पर ही बयान दे रहे हैं। प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने मंगलवार को दोहराया कि संविधान से इतर जाकर भाजपा काम करना चाहती है। आशंका जताई कि भाजपा की मंशा झारखंड में जमीन संबंधी पुराने कानूनों सीएनटी और एसपीटी को समाप्त करने की है। हम संविधान के साथ खड़े हैं, लेकिन भाजपा अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना कर रही है। राजनीतिक एजेंडे की पूर्ति के लिए अमरनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को वापस बुलाने का निर्णय लिया, मानो पाकिस्तान से कोई बड़ा हमला होनेवाला है। देश का ध्यान बेरोजगारी, महंगाई और गिरती अर्थव्यवस्था से हटाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा कि लोकतांत्रिक सिद्धांतों का हनन करना भाजपा के लिए मामूली चीज है। यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक है कोई कल्याणकारी कदम नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ नार्थ-ईस्ट के सात प्रदेशों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में भी जमीन नहीं खरीदने का कानून है तो दूसरी तरफ झारखंड में सीएनटी/एसपीटी कानून बनाए गए हैं।

दुबे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पिछले 70 वर्षों से देश का अभिन्न अंग था और आगे भी बन रहेगा इसमें किसी को कोई शक या संदेह नहीं होना चाहिए। बढ़ती बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा ने एक बिल पास करने के लिए भय और दहशत का माहौल बना दिया है।

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