Jharkhand Ex CM रघुवर दास ने दी खुली चुनौती, जो करना है कर लो... मैं किसी से नहीं डरता...
Jharkhand News झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भ्रष्टाचार के केस किए जाने के मामले पर हेमंत सरकार को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मैं डरने वाले लोगों में नहीं मेरा जीवन खुली किताब है। मुझे किसी से डर नहीं लगता...
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड सरकार छह साल पुराने राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में नई धाराएं जोड़कर मुझे भी इसमें शामिल करने का प्रयास कर रही है। अगर ऐसा है तो इस निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। कहा, पिछले लगभग चार साल से मामले की जांच चल रही है लेकिन मामले में कुछ नहीं मिल पाया, तो इस मामले को जीवित रखने के लिए सरकार के इशारे पर कुछ काबिल अधिकारियों ने इसमें नई धाराएं जोड़ने का प्रयास शुरू किया हैं।
कानून की किताब से और जितनी तरह की धाराएं हैं जोड़ ले सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में पहली बार विद्वेष और बदले की राजनीति की शुरुआत हो रही है। लेकिन किसी को यह भूलना नहीं चाहिए कि यहां कुछ भी शाश्वत नहीं है। दरअसल यह 2024 की तैयारी है। मुख्यमंत्री चुनाव तक यह मामला खींचना चाहते हैं। जो अधिकारी यह सोच रहे हैं कि अभी गंदगी फैला लेंगे और 2024 तक रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी बसर करेंगे, तो यह उनकी भूल है। सभी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
गलत करके बचने की उम्मीद छोड़ दें। मेरा सरकार व उनके काबिल अधिकारियों से यह आग्रह है कि कानून की किताब से और जितनी तरह की धाराएं इस मामले में जोड़ी जा सकती हैं, उसे जोड़ कर लगा लें, मैं डरने वाले लोगों में नहीं हूं। मेरा जीवन खुली किताब है, जो चाहे इसे पढ़ सकता है।
ऑक्सीजन आपूर्ति में झारखंड सबसे आगे
देश के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन आपूर्ति के आंकड़ों के हिसाब से झारखंड सबसे आगे है। गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक ट्वीट के अनुसार पूरे देश में विभिन्न राज्यों से पहुंची ऑक्सीजन के खेप में झारखंड का हिस्सा 35 फीसद रहा है। इसके बाद ओडिशा से 27 फीसद, गुजरात से 20 फीसद, पश्चिम बंगाल से 8 फीसद, मध्य प्रदेश से 5 फीसद और अन्य राज्यों से 5 फीसद ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है।
झारखंड से अधिक ऑक्सीजन भेजे जाने का सिलसिला अभी भी जारी है। ऑक्सीजन के आंकड़ों का हिसाब देख रहे उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह के अनुसार फिलहाल औसतन 800 एमटी ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रतिदिन की जा रही है। कुछ दिनों पूर्व तक यह आंकड़ा 900 टन था।