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हॉर्स ट्रेडिंग मामला: पूर्व CM रघुवर दास- ADG अनुराग गुप्ता की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, पढ़ें कोर्ट का फैसला

हॉर्स ट्रेडिंग मामले में आज रांची सिविल कोर्ट में न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत ने पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम रघुवर दास के प्रेस सलाहकार रहे अजय कुमार के खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट की धारा जोड़ने के आवेदन को विजिलेंस कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 01:11 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 01:12 PM (IST)
हॉर्स ट्रेडिंग मामला: पूर्व CM रघुवर दास- ADG अनुराग गुप्ता की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, पढ़ें कोर्ट का फैसला
हॉर्स ट्रेडिंग मामला: पूर्व CM रघुवर दास- ADG अनुराग गुप्ता की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, पढ़ें कोर्ट का फैसला। जागरण

रांची, जासं । साल 2016 में झारखंड में हुए राज्यसभा चुनाव में कथित हॉर्स ट्रेडिंग मामले में आज रांची सिविल कोर्ट में न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत ने पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम रघुवर दास व उनके के प्रेस सलाहकार रहे अजय कुमार के खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट की धारा जोड़ने के आवेदन को विजिलेंस कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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गौरतलब है कि 2016 में राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग से जुड़े केस में आरोपितों के खिलाफ पीसी एक्ट की धाराएं जोड़ने को लेकर न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत से अपील की गई थी। अदालत ने दर्ज मुकदमे में पीसी एक्ट की धाराएं जोड़ने के आवेदन पर सुनवाई के बाद इस मामले को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। अदालत के इस निर्णय से राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले में आरोपितों की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं।

इससे पहले प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा जोड़ने को लेकर 7 जून को रांची सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जिसमें अदालत ने फैसले को 10 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में सरकार की ओर से केस की पैरवी सहायक लोक अभियोजक जया टोपनो कर रही हैं। केस के आइओ ने मामले में आरोपित पूर्व एडीजी अनुराग गुप्ता एवं पूर्व सीएम रघुवर दास के प्रेस सलाहकार रहे अजय कुमार के खिलाफ करप्शन एक्ट की धारा जोड़ने का आवेदन दिया था।

साथ में अप्राथमिकी आरोपी के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम है। आरोप है कि 2016 के राज्यसभा चुनाव के दौरान एक राजनीतिक दल के पक्ष में खड़े प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी को प्रलोभन दिया गया और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी दी गई थी। इस घटना को लेकर 2018 में जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।


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