Jharkhand: रांची के बढ़मू में पुलिस और उग्रवादियों की बीच मुठभेड़, सौ राउंड से अधिक चली गोलियां
रांची के बढ़मू के सूमो जंगल में रविवार शाम रांची पुलिस और टीपीसी एरिया कमांडर दिनेश गंझू उर्फ तिवारी जी के दस्ते के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों के घायल होने और एक के मारे जाने की खबर है।
रांची, संवादसूत्र: रांची के बुढ़मू के सूमो जंगल में रविवार लगभग छह बजे रांची पुलिस और टीपीसी एरिया कमांडर दिनेश गंझू उर्फ तिवारी जी के दस्ते के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के दौरान करीब 100 राउंड गोलियां चलीं। पुलिस और उग्रवादियों के बीच हुई इस मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों को गोली लगने की सूचना है, वहीं एक के मरने की भी जानकारी मिल रही है। हालांकि, उसका शव अभी तक पुलिस को नहीं मिला है। पुलिस शव की तलाश कर रही है।
एसपी को मिली थी गुप्त सूचना
जानकारी के अनुसार, एसएसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि सूमो जंगल में टीपीसी के उग्रवादी ईंट भट्ठा संचालकों पर कार्रवाई करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। इसी सूचना पर एसएसपी ने खलारी डीएसपी अनिमेश नथानी के नेतृत्व में क्यूआरटी टीम गठित कर बुढ़मू भेजा।
पुलिस को आता देख उग्रवादियों ने शुरू की अंधाधुंध फायरिंग
क्यूआरटी टीम ने बुढ़मू और ठाकुरगांव थाना पुलिस की मदद से जंगल में सर्च अभियान चलाया। पुलिस को आता देख उग्रवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। उग्रवादियों की इस फायरिंग के जवाब में पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच लगभग 100 राउंड गोली चली। पुलिस को भारी पड़ता देख उग्रवादी अंधेरे का फायदा उठाते हुए जंगल की ओर भाग निकले।
मुठभेड़ स्थल से ये हुआ बरामद
उग्रवादी मुठभेड़ स्थल पर ही दर्जनों वाकीटाकी, पिट्ठू, दैनिक उपयोग के सामान, एके-47 की 17 गोली, थ्री नाथ थ्री राइफल की सात खोखा छोड़कर फरार हो गए। छापामारी में डीएसपी अनिमेश नथानी, क्यूआरटी टीम के प्रवीण तिवारी सहित बुढ़मू व ठाकुरगांव थाना पुलिस के जवान शामिल थे।
एक के मरने की सूचना, पुलिस कर रही शव की तलाश
मुठभेड़ में तीन उग्रवादियों को गोली लगने की सूचना है। इसमें से एक की मौत की भी सूचना है। पुलिस उसके शव को तलाश कर रही थी। समाचार लिखे जाने तक छापेमारी अभियान जारी था।
एक सप्ताह से भट्ठा से व्यवसायियों से मांगी जा रही थी लेवी
पुलिस सूत्रों के अनुसार बीते एक हफ्ते से दिनेश गंझू की ओर से ईंट भट्ठा व्यवसायियों व संवेदकों से लेवी को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। इसके लिए लगातार उनके पास फोन भी जा रहे थे। इससे व्यवसायी खासे परेशान थे।