झारखंड शिक्षा परियोजना ने सभी DEO को दिया निर्देश, बच्चों की संख्या से लेकर एकाउंट्स तक का मांगा आंकड़ा
कोरोना के कारण इस बार शैक्षणिक सत्र 2020-21 का विद्यालयवार आंकड़ों का संकलन पोर्टल-यूडीआइएसईपीएलयूएस.जीओवी.इन (यू-डायस प्लस) पर किया जाना है। झारखंड शिक्षा परियोजना ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखकर आंकड़ों का संकलन कर पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है।
रांची, जासं । कोरोना के कारण इस बार शैक्षणिक सत्र 2020-21 का विद्यालयवार आंकड़ों का संकलन पोर्टल-यूडीआइएसईपीएलयूएस.जीओवी.इन (यू-डायस प्लस) पर किया जाना है। झारखंड शिक्षा परियोजना ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखकर आंकड़ों का संकलन कर पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है। इसे 30 जून तक पूरा कर लेना है। राज्य परियोजना निदेशक डा. शैलेश कुमार चौरिसया ने कहा कि सभी विद्यालय जहां कक्षा एक से 12 तक के किसी भी कक्षा का संचालन होता है वहां का आंकड़ा संकलन करना है। इसके तहत स्कूल में कक्षावार बच्चों की संख्या, कितने का खाता खुला है, कितने का आधार लिंक हुआ है सहित एकाउंट्स आदि की जानकारी देनी है।
तीन घंटे का होगा आनलाइन प्रशिक्षण
जिला कार्यालय प्रखंड में कार्यरत सभी पदाधिकारी एवं संकुल साधन सेवी को यू-डायस प्लस की जानकारी देंगे। यह आनलाइन बैठक कर होगा। इसके बाद प्रखंड कार्यालय विद्यालयों को यू-डायस पर उन्मुखीकरण करेंगे। इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक के अलावा एक शिक्षक, क्लर्क और कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल होंगे। साथ संबंधित संकुल साधन सेवी भी भाग लेंगे। प्रशिक्षण में अधिकतम 40 प्रतिभागी होंगे। यह दो से तीन घंटे के होंगे।
प्रखंड कार्यालय की होगी अहम भूमिका
विद्यालय के प्राचार्य को यूजर आइडी उपलब्ध कराया जाएगा ताकि यू-डायस पोर्टल में आंकड़ों को अपलेाड करवा सकें। आंकड़ो को अपलोड करने के बाद पोर्टल के माध्यम से भरा प्रपत्र प्रिंटकर संकुल साधन सेवी से सत्यापित कराने के बाद प्रखंड कार्यालय में जमा करेंगे। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों को जिला या प्रखंड कार्यालय द्वारा आंकड़ा संग्रह प्रपत्र प्रिंट करवाकर उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें भी आंकड़ा भरकर प्रखंड कार्यालय में जमा करना है। इस आंकड़े को पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी प्रखंड कार्यालय की होगी। प्रखंड कार्यालय कम से कम 25 प्रतिशत विद्यालयों द्वारा भरे गए आंकड़ों की भौतिक जांच करेंगे। आंकड़ो के संग्रह व प्रिंट के लिए प्रति विद्यालय औसतन 30 रुपये और प्रखंड कार्यालय द्वारा 25 प्रतिशत विद्यालय के अांकड़ों के भौतिक सत्यापन के लिए प्रति विद्यालय 25 रुपये खर्च किया जाएगा।