चेन्नई में इलाजरत झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो विशेष विमान से रांची लाए जाएंगे
Jharkhand News Jagarnath Mahto मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर बेहतर इलाज के लिए चेन्नई भेजे गए थे। सोमवार की सुबह रांची से चेन्नई चार्टर्ड प्लेन जाएगा। साथ में दो चिकित्सक होंगे। चेन्नई में मंत्री के फेफड़े का सफल प्रत्यारोपण हुआ था।
रांची, राज्य ब्यूरो। चेन्नई में इलाजरत झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। उन्हें सोमवार को चेन्नई से रांची लाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। उनको लाने के लिए एक चार्टर्ड प्लेन सोमवार की सुबह नौ बजे चेन्नई के लिए उड़ान भरेगा। मंत्री को लाने रिम्स क्रिटिकल केयर विभागाध्यक्ष डाॅ. पीके भट्टाचार्य और मेडिसिन विभाग के डाॅ. अजीत डुंगडुंग भी जाएंगे। वे वहां मंत्री की सघन जांच करेंगे और संतुष्ट होने के बाद शिक्षा मंत्री को अपनी देखरेख में सोमवार को ही चार्टर्ड प्लेन से लेकर रांची लौटेंगे।
बताते चलें कि मंत्री पिछले साल सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह में कोरोना से संक्रमित हुए थे। उसके बाद उन्हें रांची के मेडिका अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर एमजीएम, चेन्नई के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रांची बुलाई गई थी। इसके बाद टीम की सलाह पर मंत्री को 19 अक्टूबर को चिकित्सकों की देखरेख में एयर एंबुलेंस से चेन्नई भेजा गया था। चेन्नई के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर (एमजीएम) में मंत्री का कोरोना संक्रमण से खराब फेफड़ा को ट्रांसप्लांट किया गया है।
अधिवक्ता लिपिक कल्याण निधि अधिनियम में संशोधन की मांग
झारखंड अधिवक्ता लिपिक कल्याण निधि अधिनियम के तहत बनी कमेटी की एक भी बैठक अब तक नहीं हुई है। वहीं, अधिवक्ता लिपिक संघ अधिनियम की नियमावली में भी कई त्रुटि रहने की बात कह रहे हैं। इन त्रुटियों में संशोधन करने की मांग भी की जा रही है। अधिनियम के बाद जो नियमावली बनाई गई है उसमें अधिवक्ता लिपिक के मामलों पर विचार करने के लिए बनी कमेटी में बार काउंसिल के अध्यक्ष, गृह, विधि और वित्त विभाग के सचिव और झारखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को शामिल किया गया है।
अधिवक्ता लिपिकों के कल्याण के लिए बनी इस कमेटी में अधिवक्ता लिपिक के एक भी प्रतिनिधि को स्थान नहीं दिया गया है। अधिवक्ता लिपिक संघ ने कमेटी में उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सचिव को कमेटी में शामिल करने की मांग की जा रही है। अधिनियम में उन्हीं लिपिकों को आर्थिक लाभ देने की बात कही गयी है जिनकी आय एक लाख रुपये से कम है। संघ ने इसे तीन लाख तक करने की मांग की है। संघ का कहना है कि अभी तक कमेटी की एक बार भी बैठक नहीं हुई है। इस कारण संघ के सदस्य अपनी समस्या रख नहीं पा रहे।