Jharkhand News: बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं मंत्री, विधायक व अधिकारी... शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की सलाह
Jharkhand News झारखंड विधानसभा में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अपने संबोधन में पक्ष व विपक्ष के सभी सदस्यों से सुझाव मांगा। कहा कि मंत्री विधायक व अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएं। इससे स्कूलों की व्यवस्था सुधर जाएगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विधानसभा में गुरुवार को शिक्षा विभाग के बजट में कटौती प्रस्ताव के विरोध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने सदन को संबोधित किया। सदन में कटौती प्रस्ताव विपक्ष के विधायक अनंत कुमार ओझा ने लाया था, जिसे पक्ष व विपक्ष की चर्चा के बाद सदन ने अस्वीकृत कर दिया। मौके पर विभागीय मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था उस दिन पूरी तरह दुरुस्त हो जाएगी, जब राज्य के मंत्री, विधायक व अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाएंगे। उन्होंने राज्य में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए पक्ष व विपक्ष के सभी विधानसभा सदस्यों से प्रस्ताव मांगा और वादा किया कि वे राज्य में बेहतर शिक्षा व्यवस्था कायम करके रहेंगे और अगले साल किसी को भी बोलने का मौका नहीं देंगे। मंत्री ने कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार ने पांच साल में शिक्षा को बर्बाद किया। साल में आठ-आठ महीने तक पारा शिक्षक आंदोलन करते थे, जिससे पठन-पाठन बंद रहता था। हेमंत सरकार ने पारा शिक्षकों की समस्या का समाधान निकाला।
अटल बिहारी बाजपेयी देश में शिक्षा के प्रति गंभीर थे : मंत्री
मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी देश में शिक्षा व्यवस्था के प्रति गंभीर थे, लेकिन उन्हीं की पार्टी की रघुवर सरकार ने स्कूलों को बंद किया। हेमंत सरकार रघुवर की तरह कागज-कलम की सरकार नहीं है, काम की सरकार है। यह सरकार गांवों में अंग्रेजी को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिला, प्रखंड, पंचायत में इंग्लिश स्कूल खोलेगी। राज्य में 125 उत्क्रमित प्लस टू विद्यालय बनने जा रहा है। माडल स्कूल पर काम चल रहा है। सरकार पढ़ाई का माडल बदलेगी।
विधायक अनंत ओझा ने कहा- बजट में कुछ नया नहीं
इससे पहले विधायक अनंत कुमार ओझा ने कहा कि सरकार के बजट में नया कुछ भी नहीं है। रघुवर सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में जो कार्य हुआ, उसी का दोहराव है। सरकारी विद्यालयों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने की घोषणा की गई थी। दो साल बाद भी मानव संसाधन नहीं बढ़ाया जा सका। विधायक बैजनाथ राम ने पारा शिक्षकों की समस्या का समाधान निकालने के लिए सरकार की सराहना की। विधायक नीरा यादव ने कटौती प्रस्ताव के समर्थन में कहा कि शिक्षा विभाग में एक-एक पदाधिकारी के पास छह-छह विभाग हैं, ऐसे में शिक्षा व्यवस्था कैसे सुधरेगी। पहले पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाय। बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराएं।
इन विधायकों ने भी बजट की जमकर सराहना की
विधायक राजेश कच्छप, बंधु तिर्की, समीर कुमार मोहंती, विनोद कुमार सिंह ने बजट को सराहा और सरकार को सुझाव दिया कि मानव संसाधन बढ़ाने की दिशा में पहल जरूरी है। विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि 22 हाई स्कूलों व छह मिडिल स्कूल को अपग्रेड करने का सुझाव दिए थे, अब तक सरकार ने पहल नहीं की, इसपर ध्यान दें। विधायक प्रदीप यादव ने राज्य के कस्तूरबा विद्यालयों में घंटा आधारित शिक्षकों को नियमित करने तथा चतुर्थवर्गीय कर्मियों की बहाली करने का प्रस्ताव दिया है।