रांची, राज्य ब्यूरो: टेंडर के बदले कमीशन से करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने के मामले में गिरफ्तार ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के सहारे ईडी अब डेढ़ दर्जन नेताओं व नौकरशाहों तक पहुंचने वाली है।

रामनवमी के बाद ईडी की गतिविधियां बढ़ेंगी। फिलहाल, वीरेंद्र राम रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। उनके कुछ प्रमुख सहयोगियों से ईडी ने प्रारंभिक पूछताछ कर ली है, जिनके माध्यम से ईडी को कई अहम जानकारियां मिल चुकी है।

ईडी के पास हैं कई महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज

पूर्व की छानबीन व छापेमारी में ईडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हाथ लगे हैं, जिसके आधार पर वीरेंद्र राम को संरक्षण देने वालों की घेराबंदी भी चल रही है।

ईडी सूत्रों की मानें तो ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़े नेता, कुछ विधायक व वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों के नाम स्पष्ट रूप से सामने आ चुके हैं, जिन्होंने अपने मनपसंद ठेकेदारों को टेंडर दिलाने के लिए अनुशंसा की, दबाव बनाया और कमीशन की राशि का बंटवारा भी किया।

अब ईडी रामनवमी के बाद एक-एक कर सबको समन करेगी और अब तक आए तथ्यों के आधार पर उनका पक्ष लेगी।

एसीबी ने अब तक नहीं दी ईडी को अपनी जांच रिपोर्ट

झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भी अब तक ईडी को अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। ईडी ने एसीबी से यह जानकारी मांगी थी कि जमशेदपुर के केस में वीरेंद्र राम व उनके रिश्तेदार आलोक रंजन के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई थी।

ईडी ने यह भी पूछा था कि क्या वीरेंद्र राम के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच के लिए प्रारंभिक जांच (पीई) या प्राथमिकी दर्ज की गई है।

अगर नहीं की गई तो इसका मूल कारण क्या था। ईडी ने एसीबी से इससे संबंधित दस्तावेज की मांग की है, जो अब तक ईडी को नहीं मिल पाए हैं।

Edited By: Prateek Jain