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Jharkhand Defection Case: विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की के खिलाफ तीसरी याचिका दायर, सदस्‍यता समाप्‍त करने की मांग

Jharkhand Defection Case भाजपा प्रवक्ता सरोज सिंह ने मामला दायर कर कहा है कि कहा विधानसभा न्यायाधिकरण दोनों की सदस्यता समाप्त करे। विधायक निर्वाचित होने के बाद से ही बंधु तिर्की और प्रदीप यादव दोनों ही पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 08:13 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 08:14 PM (IST)
Jharkhand Defection Case: विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की के खिलाफ तीसरी याचिका दायर, सदस्‍यता समाप्‍त करने की मांग
प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की फाइल फोटो।

रांची, राज्य ब्यूरो। दलबदल मामले में विधानसभा न्यायाधिकरण में दायर होने वाली याचिकाओं का सिलसिला थम नहीं रहा है। इस कड़ी में गुरुवार को भाजपा की ओर से विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के खिलाफ 10 वीं अनुसूची के तहत दलबदल मामले में तीसरी याचिका दाखिल की गई। याचिका भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने दाखिल की है। बता दें कि भाजपा की ओर से पहली याचिका पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद शर्मा और दूसरी याचिका कांके के विधायक समरी लाल ने विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में दर्ज कराई है।

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भाजपा प्रवक्ता सरोज सिंह ने विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के खिलाफ दलबदल कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सदस्यता समाप्त करने का अपील की है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है दोनों ने दसवीं अनुसूची का उल्लंघन किया है, जो कि दलबदल के अंतर्गत आता है। इस कारण उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाए। याचिका में कहा गया है कि 2019  विधानसभा चुनाव में प्रदीप यादव, पोड़ैयाहाट और बंधु तिर्की, मांडर विधानसभा के लिए झारखंड विकास मोर्चा के उम्मीदवार के तौर पर विधायक निर्वाचित हुए थे।

विधायक निर्वाचित होने के बाद से ही बंधु तिर्की और प्रदीप यादव दोनों ही पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल रहें। इसके आलोक में  झाविमो ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। समय सीमा समाप्त होने के बाद झाविमो केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में दोनों विधायकों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया। दोनों की बर्खास्तगी की सूचना विधानसभा अध्यक्ष और चुनाव आयोग को भी दी गई थी।

याचिका में यह भी कहा गया है कि कार्यसमिति की बैठक में सर्वसम्मति से झाविमो को भाजपा में विलय करने का फैसला लिया गया। विलय की सूचना भी भारत निर्वाचन आयोग को दी गई। इसके आधार पर भारत निर्वाचन आयोग ने इस विलय को स्वीकार किया। झाविमो के विलय को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने बाबूलाल मरांडी को भाजपा के विधायक के तौर पर और बंधु तिर्की व प्रदीप यादव को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मान्यता दी। इसके बाद बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्यता को ग्रहण कर लिया, जो कि सीधे दसवीं अनुसूची को प्रभावित करता है।


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