रांची में चल रही मिनी गन फैक्ट्रियां, खुद असेंबल कर हथियार बेच रहे आर्म्स सप्लायर Ranchi News
Jharkhand Crime Report बैरल-साइलेंसर बनाने के लिए लेथ मशीन की आड़ में मिनी गन फैक्ट्री चलाई जा रही है। अब पार्ट्स की तस्करी की जा रही है।
रांची, [फहीम अख्तर]। रांची के आर्म्स डीलर इन दिनों मुंगेर से हथियार लाकर तस्करी नहीं कर रहे हैं, बल्कि यहीं असेंबल कर तैयार कर ले रहे हैं। इसके लिए रांची में ही कई मिनी गन फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं। यह मिनी गन फैक्ट्रियां चलाने के लिए किसी बड़े प्लांट की जरूरत नहीं बल्कि एक लेथ मशीन लगाकर आर्म्स के डीलर कट्टा की बैरल, पिस्टल की बैरल, मुठ और स्प्रिंग तैयार कर ले रहे हैं। इसके अलावा जो इंटरनल और कीमती पार्ट्स हैं, उन्हें अलग से मुंगेर और उत्तर प्रदेश से मंगवाया जा रहा है।
अलग पार्ट्स लाकर असेंबल कर लेना आर्म्स डीलरों के लिए आसान खेल बन गया है। रांची के आर्म्स डीलर अब खुद ट्रेंड होकर देसी पिस्टल, देसी कट्टा, कार्बाइन जैसे हथियार तैयार कर ले रहे हैं। यह रांची पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। हाल में पकड़े गए हथियार के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है कि वह रांची खूंटी और आसपास के इलाके में ही असेंबल कर तैयार किए गए हैं।
पुलिस अब इन आर्म्स सप्लायरों और मिनी गन फैक्ट्रियों का पता लगा रही है। पुलिस ने हाल में हथियारों के साथ कई अपराधियों को पकड़ कर जेल भी भेजा है। हथियारों की बिक्री के लिए उनके अलग-अलग कोड वर्ड हैं। हथियार और गोलियों के लिए जूता, मोजा, सुई-धागा और चावल जैसे नाम दिए गए हैं।
मुंगेर जाकर प्रशिक्षण भी ले चुके हैं आर्म्स तस्कर
रांची के कई तस्कर मुंगेर से हथियार बनाने का प्रशिक्षण भी ले चुके हैं। रांची में अवैध हथियार निर्माण के पीछे रैकेट काम कर रहा है। हथियार बनाने के लिए स्प्रींग से कंप्रेशर तैयार किया जाता है। सामान्य लोहे की रड का बैरल तैयार किया जाता हैं। हालांकि अवैध हथियार कारोबार में शामिल अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस लगातार कोशिश में जुटी है। हथियार के साथ गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ में पुलिस को कई सुराग मिले हैं।
पिछले साल रांची में चल रही मिनी गन फैक्ट्री का हुआ था भंडाफोड़
22 मार्च 2019 को सदर थाना क्षेत्र के रिम्स के समीप स्थित मोहल्ला टूनकी टोला में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था। फैक्ट्री बिहार के मुंगेर से हथियार बनाने का प्रशिक्षण ले चुका विजय कुमार शर्मा चला रहा था। फैक्ट्री में बनी हथियार की डिलीवरी के दौरान विजय के अलावा चर्च रोड नाजीर अली लेन निवासी मो. साकीब उर्फ पाव और क्वार्टर नंबर डीटी 581 निवासी मनोज कुमार मंडल को प्रभात तारा मैदान के पास पकड़ा गया।
इनलोगों की निशानदेही पर पुलिस मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन कर 13 बैरल और 7 मैगजीन, तीन देशी कट्टा, आठ जिंदा गोलियां, पांच मिसफायर गोलियां, एक अर्धनिर्मित पिस्टल, एक लेथ मशीन, कटर, रेती समेत हथियार बनाने का अन्य उपकरण बरामद किया। पूर्व पीएलएफआइ उग्रवादी मनोज कुमार मंडल गिरोह बनाकर हथियारों की सप्लाई कर रहा था।
विजय कुमार शर्मा टुनकी टोला स्थित अपने घर में पिछले चार-पांच वर्षों से हथियार बनाने का काम कर रहा था। विजय वर्ष 2011 में सदर थाना से आर्म्स एक्ट के केस में जेल गया था। 19 माह जेल में रहने के बाद निकलकर हथियार कारोबार में जुट गया। रांची के इटकी, बेड़ो, चान्हो के अलावा लोहरदगा, गुमला, खूंटी, जमशेदपुर, धनबाद सहित कई जिलों में हथियार की सप्लाई कर रहा था।
खुफिया जानकारी पर दबोचा गया, कई रडार पर
नवंबर 2018 में खुफिया विभाग ने डीजीपी को रिपोर्ट भेजकर बताया था कि एक पुराना हथियार कारोबारी फिर से सक्रिय हो गया है। हथियार के अवैध कारोबार का सरगना शाकिब उर्फ पाव दुकान की आड़ में प्रशासन और जनता के बीच ईमानदार बनकर बड़ी चालाकी से हथियार की खरीद-फरोख्त करता था। इसने अपना एक गिरोह भी बना लिया था।
गिरोह में शगीर, सद्दाम, मुन्ना, साजिद, जाहिद, अविनाश, सिंह जी, राजू, गुलाब, रोहित, मोनू, छोटू, अक्षय कुमार आदि शामिल थे। इन दिनों फिर इनके गिरोह के सक्रिय रहने की जानकारी मिल रही है। सदस्य रांची के कोकर, कांके, पिठोरिया, आजाद बस्ती, बुंडू, इलाहीनगर, अरगोड़ा, सिकिदरी, लोवाडीह, बालालौंग, नगड़ी और रामगढ़ क्षेत्र के बताए जाते हैं।
हाल की कार्रवाई
केस 01
12 जुलाई को रांची पुलिस ने चार कोयला कारोबारियों की हत्या करने आए पांच कुख्यात अपराधियों को 10 पिस्टल और 43 जिंदा कारतूस समेत कई अन्य समानों के साथ गिरफ्तार किया। कुख्यात अपराधी अमन साव गिरोह के अपराधियों को चुटिया पावर हाउस स्थित एक किराये के मकान में छापेमारी कर धनबाद के अभिजीत कुमार सिंह उर्फ सेंटी सिंह, सिकिदिरी के अजय सिंह, चुटिया के जगत कुमार उर्फ लक्की उर्फ गोलू, अनगड़ा के शिवनारायण महतो और रातू के समीर कुमार बाक्ची उर्फ कुल्लू बंगाली को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सभी कोयला कारोबारी की हत्या करने पहुंचे थे।
केस 02
18 अगस्त को बिल्डर और जमीन कारोबारी से दो करोड़ की रंगदारी मांगने और कंस्ट्रक्शन कार्यालय में गोली चलाने के मामले चार अपराधी रविरंजन, फिरोज अंसारी, अमित उरांव और कुलदीप गोप को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके पास से एक देसी कार्बाइन, हैंड ग्रेनेड, 9 एमएम और 7.65 एमएम की 14-14 गोलियां सहित कई समान बरामद किया गया। रंगदारी मांगने की साजिश जमशेदपुर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा ने रची थी।
केस 03
30 अगस्त को पीएलएफआइ के तीन उग्रवादी विनय तिग्गा, कचना पाहन और सन्नी कच्छप को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गये उग्रवादी के पास से दो पिस्तौल, 29 कारतूस सहित अन्य समान बरामद किया गया था।
केस 04
3 सितम्बर को खलारी थाना क्षेत्र में किसी घटना को अंजाम देने के लिए घूम रहे तीनों अपराधी संजय कुमार गंझू, रविंद्र गंझू उर्फ मिथुन और विकास कुमार गंझू को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अपराधी चतरा जिले के पिपरवार इलाके के रहने वाला था। आरोपी के पास से पुलिस ने दो दोनाली देशी कट्टा, .303 बोर का तीन जिंदा गोली सहित कई अन्य समान बरामद किया।
केस 05
5 सितम्बर को रांची पुलिस ने हथियार के साथ कांके थाना क्षेत्र के चंदवे निवासी बबलू खान उर्फ एनामुल हक, पिठोरिया थाना क्षेत्र के कोकदोरो निवासी रमीज अंसारी और कोनकी निवासी रहीम अंसारी को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से एक पिस्टल, गोलियां सहित अन्य सामान बरामद किए गए। कुख्यात अपराधी बबलू खान को वर्ष 2017 में कार्बाइन और 200 गोलियों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
इस वर्ष अबतक आमर्स एक्ट के मामले
जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई
रांची 8 7 3 4 4 3 10
झारखंड 54 46 48 27 31 34 53
अवैध हथियारों का रेट
देशी कटटा - दो हजार से पांच हजार रुपये
नाइन एमएम पिस्टल - 15 हजार से 45 हजार रुपये
कार्बाइन - एक लाख से डेढ़ लाख रुपये
सिक्सर - छह हजार से 15 हजार रुपये
'पुलिस को मिली हर सूचनाओं पर छापेमारी कर आर्म्स के साथ अपराधियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। हाल में हथियारों के साथ कई अपराधी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। पुलिस तस्करों पर निगरानी कर रही है।' -सुरेंद्र कुमार झा, एसएसपी रांची।