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रांची स्टेशन से एक साल में 159 नाबालिग मुक्त, झारखंड के इस जिले से सबसे अधिक नाबालिगों की होती है तस्करी

Jharkhand Crime News रांची रेलवे स्टेशन (Ranchi Railway Station) पर लोगों की सुरक्षा के लिए 82 सीसीटीवी कैमरा (CCTV Camera) काम कर रहा है। 82 कैमरों से मानव तस्करों (Human Traffickers) की तलाश होती है। आरपीएफ ने 10 मानव तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 02:10 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 02:10 PM (IST)
रांची स्टेशन से एक साल में 159 नाबालिग मुक्त, झारखंड के इस जिले से सबसे अधिक नाबालिगों की होती है तस्करी
Jharkhand Crime News : रांची स्टेशन से एक साल में 159 नाबालिग मुक्त

रांची, जागरण संवाददाता। Jharkhand Crime News : रांची रेलवे स्टेशन (Ranchi Railway Station) पर लोगों की सुरक्षा के लिए 82 सीसीटीवी कैमरा (CCTV Camera) काम कर रहा है। 82 कैमरों से मानव तस्करों (Human Traffickers) की तलाश होती है। कोई भी ट्रेन (Train) आती है या फिर जाती है तो आरपीएफ (RPF) के जवान 82 कैमरों की मदद से मानव तस्करों को खोजने का काम करते हैं। कैमरों (Cameras) की मदद से कई मानव तस्करों को पकड़ा गया है।

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आरपीएफ ने 10 मानव तस्करों को गिरफ्तार कर भेजा जेल

रांची आरपीएफ के द्वारा वर्ष 2021 में 159 नाबालिगों को रेस्क्यू किया गया है। इसमें 106 लड़के हैं और 53 बच्चियां शामिल हैं। वहीं आरपीएफ ने 10 मानव तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। वर्ष 2020 में आरपीएफ ने 56 नाबालिगों को मुक्त कराया है। इसमें 53 बच्चियां हैं और तीन लड़के शामिल हैं। पांच मानव तस्करों को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आरपीएफ के इंस्पेक्टर का कहना है कि मानव तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है।

गुमला से सबसे अधिक नाबालिगों को भेजा जाता है बाहर

आरपीएफ के अनुसार, गुमला जिला में रहनेवाली नाबालिगों को सबसे ज्यादा दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। आरपीएफ ने जिन नाबालिगो को रेस्क्यू किया है उनमें से ज्यादातर गुमला जिला की हैं। इसकी सूचना गुमला पुलिस को भी दी गई है। सख्ती को देख अब मानव तस्कर रांची स्टेशन को छोड़कर दूसरे स्टेशन से नाबालिगों को दूसरे राज्य में ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।

स्वजनों के पास शांत हालत में बैठे नाबालिगों से तुरंत होती है पूछताछ

आरपीएफ के द्वारा उन नाबालिगों पर विशेष ध्यान दिया जाता है जो अपने स्वजनों के साथ तो होते हैं लेकिन शांत बैठे रहते हैं। इससे जवानों को लगता है कि नाबालिग को जबरन ले जाया जा रहा है। इस वजह से उन स्वजनों से पूछताछ की जाती है। पूरी जांच करने के बाद ही उन्हें छोड़ा जाता है। इसके अलावा ट्रेन में बैठे हुए नाबालिगों से भी पूछताछ की जाती है।

कई मानव तस्करों सक्रिय आरपीएफ की है उनपर नजर

गुमला और चाईबासा जिले के कई मानव तस्कर सक्रिय हो गए हैं। इसकी जानकारी आरपीएफ को मिली है। आरपीएफ की उन मानव तस्करों पर नजर है। स्टेशन में कई जवानों को मानव तस्करों का फोटो दिया गया है ताकि उन्हें देखते ही पकड़ा जा सके। आरपीएफ इंसपेक्टर का कहना है कि मानव तस्करों ने अपना काम करने का तरीका बदल दिया है। अब नाबालिगों को महिला तस्करों के साथ भेजा जाता ताकि वह जवानों की नजर से बच सके। महिला जवानों को इनके बारे में विशेष रूप से जानकारी दी गई है।


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