झारखंड में कोरोना से निपटने पर खर्च होंगे 638.90 करोड़, फील्ड हास्पिटल व बच्चों के लिए पीडियाट्रिक की होगी स्थापना
Jharkhand Coronavirus News कोविड इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस के तहत केंद्र ने मंजूरी दी है। केंद्र 383.34 करोड़ रुपये देगा जबकि राज्य सरकार को 255.56 करोड़ रुपये का अंशदान वहन करना है। कोरोना जांच से लेकर अस्पतालों में संरचनाओं के विकास पर राशि खर्च होगी।
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। कोरोना वायरस से निपटने के लिए झारखंड में जांच सुविधाएं बढ़ाने से लेकर अस्पतालों में संरचनात्मक विकास की तैयारी है। चालू वित्त वर्ष में इस पर 638.90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। केंद्र ने कोविड इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस के दूसरे चरण के तहत इसकी मंजूरी प्रदान की है। इनमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि 40 प्रतिशत का अंशदान राज्य सरकार को वहन करना होगा। केंद्र की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार के विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली योजना प्राधिकृत समिति ने भी इस पर अपनी स्वीकृति दे दी।
अब केंद्रांश व राज्यांश की राशि के खर्च का प्रस्ताव राज्य मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। कैबिनेट की अगली बैठक में इस पर स्वीकृति मिल सकती है। केंद्र सरकार ने कोविड इमरजेंसी रिस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस योजना के दूसरे चरण के तहत 638.90 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इनमें 383.34 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी, जबकि 255.56 करोड़ रुपये राज्य सरकार को वहन करना है। केंद्र ने 383.34 करोड़ रुपये में 57.50 करोड़ रुपये राज्य सरकार को उपलब्ध करा दी है। शेष राशि राज्यांश की राशि जारी होने के बाद मिलेगी।
इन योजनाओं पर खर्च होगी राशि
-कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए रांची, रामगढ़, कोडरमा, पूर्वी सिंहभूम, लोहरदगा, तथा हजारीबाग में 100-100 तथा बोकारो, गुमला, जामताड़ा, खूंटी, लातेहार तथा गोड्डा में 50-50 बेड के फील्ड हास्पिटल तैयार किए जाएंगे।
-रिम्स में बच्चों के बेहतर इलाज के लिए सेंटर फार एक्सीलेंस (पीडियाट्रिक) की स्थापना की जाएगी।
-कोरोना जांच, दवा आदि पर कुल 107.40 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिन जिलों में आरटी-पीसीआर लैब नहीं है, वहां लैब स्थापित की जाएगी।
-अस्पतालों में पीडियाट्रिक यूनिट तथा आइसीयू पर भी राशि खर्च होगी।
-100 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के सपोर्ट पर 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
-राज्य के 38 स्वास्थ्य केंद्रों में लिक्विड मेडिकल आक्सीजन टैंक स्थापित किए जाएंगे।