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Coronavirus Update: बिना डॉक्टर पर्ची के कोविड टेस्ट करा रहे लोग, रोजाना 500 लोगों के लिए जा रहे सैंपल

Jharkhand Coronavirus News Update. विभाग की नई गाइडलाइन से लोगों को राहत मिली। अब बगैर डॉक्टरी पर्ची के लोग अधिक संख्या में सैंपल टेस्ट कराने पहुंच रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 04:54 PM (IST)
Coronavirus Update: बिना डॉक्टर पर्ची के कोविड टेस्ट करा रहे लोग, रोजाना 500 लोगों के लिए जा रहे सैंपल
Coronavirus Update: बिना डॉक्टर पर्ची के कोविड टेस्ट करा रहे लोग, रोजाना 500 लोगों के लिए जा रहे सैंपल

रांची, [अमन मिश्रा]। Jharkhand Coronavirus News Update कोरोना के अधिकांश संक्रमित मरीजों में किसी तरह के कोई लक्षण नहीं हैं। कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के आधार पर उनमें कोरोना की पुष्टि हो रही है। सैकड़ों में 2 फीसद मामले ही असिम्प्टोमैटिक (लक्षण वाले) मिल रहे हैं। लोगों को कोविड टेस्ट कराने के लिए डॉक्टरों की पर्ची अनिवार्य थी, बगैर पर्ची के लोग जांच नहीं करा पा रहे थे।

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इस परेशानी को देखते हुए कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत लोग अब बिना डाॅक्टरी पर्ची के अपना कोविड टेस्ट करा रहे हैं। इस गाइडलाइन के आने के बाद सदर अस्पताल समेत अन्य प्राइवेट लैब में भी जांच बढ़ी है। पहले जांच के लिए 200 से 250 लोगों के सैंपल कलेक्शन किए जाते थे, अब वह बढ़कर 500 तक पहुंच चुकी है। सिविल सर्जन डॉ. वीबी प्रसाद ने बताया कि बगैर पर्ची के सैंपल टेस्ट शुरू होने के बाद से सैंपल कलेक्शन काफी बढ़ा है।

उन्होंने बताया कि अब सैंपल टेस्टिंग की प्रक्रिया को और सरल बना दिया गया है। कोई भी खुद के सैंपल की जांच कराना चाहता है तो वह आइसीएमआर के दिशा-निर्देशों पर जारी फॉर्म ए व बी में उल्लेखित सभी मापदंडों पर जांच के बाद उसके सैंपल की जांच की जाती है। फॉर्म ए व बी में सामान्य जानकारी जैसे नाम, पता, हिस्ट्री ऑफ ट्रैवल, कॉन्टैक्ट हिस्ट्री, सिम्पटम्स, लिंग, उम्र, मोबाइल नंबर आदि के विवरण लिए जाते हैं।

पहले 50 से 60 सैंपल का होता था टेस्ट, अब सदर में 150 सैंपलों की हो रही जांच

सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद ने बताया कि जब डॉक्टरों की पर्ची जांच के लिए आवश्यक थे, तब हर दिन ट्रूनेट में 50 से 60 सैंपल टेस्ट किए जाते थे। लेकिन अब यह दैनिक आधार पर 120 से 150 तक बढ़ गया है। पिछले एक सप्ताह में सदर अस्पताल में 900 से अधिक सैंपलों की जांच की गई है। अब लोग जागरूक होकर स्वेच्छा से सैंपल टेस्ट कराने पहुंच रहे हैं।

होम आइसोलेशन में रहने के लिए पूरे करने होंगे प्रोटोकॉल

जिला प्रशासन ने असिम्प्टोमैटिक मरीजों की सहूलियत और बढ़ते रोगियों के साथ बेड की कमी को देखते हुए होम आइसोलेशन की योजना तैयार की है। इसके लिए गाइडलाइन तैयार कर संक्रमितों को घर पर कैसे रहना है, इसे लेकर रूटीन चार्ट तैयार किया गया है। जो भी इसका सही तरीके से पालन करेंगे, सिर्फ वहीं होम आइसोलेशन में रह सकेंगे। शहर में वर्तमान में करीब 15-20 लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। वहीं असिम्प्टोमैटिक या गंभीर मरीजों को कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा।

प्राइवेट अस्पताल में सरकार निर्धारित करेगी शुल्क

सिविल सर्जन ने कहा कि कई प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों से शिकायत मिल रही है। मनमाना शुल्क लिया जा रहा है। कहीं असिम्प्टोमैटिक मरीजों को भी वेंटिलेटर में रखने के नाम पर भी चार्ज वसूले जाने की सूचना मिल रही है। उन्होंने वैसे अस्पतालों को चेतावनी दी है।

'सरकार के स्तर से निजी अस्पतालों में कोविड के इलाज के लिए नई गाइडलाइन तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। जल्द निजी अस्पतालों में इलाज के लिए शुल्क निर्धारित किए जाएंगे। वहीं अस्पताल अगर उससे अधिक चार्ज लेंगे तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।' -डॉ वीबी प्रसाद, सिविल सर्जन, रांची।


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