कांग्रेस अपने नेताओं से चुन-चुन कर लेगी हिसाब, जानिए वजह
Jharkhand Congress. राहुल गांधी की परिवर्तन रैली में कम पहुंची भीड़ पर पार्टी में उन इलाकों की पहचान शुरू कर दी है जहां से कम लोगों की आमद हुई थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अरसे बाद झारखंड में हुई परिवर्तन उलगुलान रैली में कम पहुंची भीड़ पर बड़े नेताओं के तेवर सख्त हो गए हैं। प्रदेश नेतृत्व ने अपनी भंवें तानते हुए कहा है कि ऐसे नेता जो अपने अध्यक्ष के लिए भीड़ नहीं जुटा सके, उनका चुन-चुन कर हिसाब करेंगे। कहा जा रहा है कि झारखंड के प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह रैली से संतुष्ट जरूर रहे लेकिन पार्टी में उन इलाकों की पहचान शुरू कर दी है जहां से कम लोगों की आमद हुई थी।
इस मामले की चुगली कांग्रेसियों ने ही कर दी है। ऐसे में गाडिय़ों को रोके जाने की बात और तमाम अन्य शिकायतें को नजरअंदाज कर कम भीड़ पहुंचने का ठीकरा कुछ लोगों पर गिर सकता है। जिलों से और विधानसभा क्षेत्रों से पहुंचनेवाले लोगों की संख्या के आधार पर आगे कार्रवाई होगी। एक बात तो तय है कि किसी भी स्तर से लक्ष्य पूरा नहीं हो सका।
अनुमान से कम भीड़ पहुंचने के पीछे के कारणों में सबसे महत्वपूर्ण है संगठन का कमजोर होना। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रवक्ताओं की तो फौज है लेकिन कई महत्वपूर्ण पदों को रिक्त रखा गया है। महासचिव, उपाध्यक्ष जैसे पदों पर कांग्रेस के किसी नेता को जिम्मेदारी नहीं दी गई है। ऐसे में संगठन के कार्यों से सीनियर नेता भी दूर हो गए हैं। ऐसे में भीड़ कम पहुंचने को लेकर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ही कार्रवाई को टालने की फिराक में है।
पहले सीट नहीं, फिर निमंत्रण नहीं
सीट बंटवारे में पहले ही दरकिनार कर दिए गए वामपंथी पार्टियों को अब राहुल की रैली में निमंत्रण नहीं मिलना साल रहा है। माकपा प्रवक्ता प्रकाश विप्लव ने स्पष्ट किया कि किसी भी वामपंथी दल को रैली के लिए आमंत्रण नहीं मिला था और इसी कारण कोई मंच पर दिखा भी नहीं।
चूक हुई लेकिन वामपंथी साथ : सुबोधकांत
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने राहुल की रैली में वामपंथी पार्टियों के प्रतिनिधियों को निमंत्रण नहीं मिलने को चूक करार दिया लेकिन यह भी जोड़ा कि इससे वामपंथी नाराज नहीं हुए हैं, हमारे ही साथ हैं।