कांग्रेसजनों ने इंदिरा गांधी को दी श्रद्धांजलि, सरदार पटेल की मनाई जयंती Ranchi News
Jharkhand. इंदिरा गांधी की शहादत दिवस और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर कार्यकर्ताओं ने उनकी तस्वीरों पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने गुरुवार को अपने सीनियर नेताओं सरदार वल्लभ भाई पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद किया। इंदिरा गांधी की शहादत दिवस और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर कार्यकर्ताओं ने उनकी तस्वीरों पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, सांसद धीरज प्रसाद साहु, एवं सांसद गीता कोड़ा के साथ-साथ दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।
झारखंड कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने दोनों महान विभूतियों को श्रद्धांजलि देते हुए कह कहा कि देश की एकता-अखंडता को लेकर इनका योगदान देश कभी भूल नहीं सकता है। राष्ट्रवाद को लेकर देश को उन्होंने एक नई राह दिखाई। किसी ने भी अगर हिंदुस्तान की तरफ नजर उठाकर देखा, तो बिना देर किए उसे सबक सिखाने का काम किया और देश को ऊंचाई के पटल पर रखा। किसान, गरीब, शिक्षा, तकनीक हर क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बना।
दिवंगत नेताओं ने कभी किसी को छोटा नहीं किया, जिस तरह से देश के प्रधानमंत्री सबको छोटा करने में गौरवांवित महसूस करते हैं, देश के नवनिर्माण में हर पीढ़ी ने अपना योगदान दिया है, जिस देश की जनता कभी भूल नहीं सकती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि ऐसे लोग बिरले पैदा होते हैं। उनका मूलमंत्र अनुशासन और गरीबों के प्रति हमदर्दी आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।
पटेल जी के अविस्मरणीय योगदान का नतीजा है कि देश एक है और एक साथ चल रहा है। इंदिरा गांधी के प्रयासों से देश आज अनाज के अटूट भंडारों से भरा पड़ा है। कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने दोनों महान विभूतियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सवेरा होते ही यह देश इन्हें आदर के साथ याद करता है। बैंकों के राष्ट्रीयकरण, कोयला उद्योगों का जाल बिछाना, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में गांधी ने पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया।
श्रद्धांजलि समारोह में कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर, संजय लाल पासवान, मानस सिन्हा, आलोक कुमार दूबे, शमशेर आलम, लाल किशोरनाथ शाहदेव, रमा खलखो, अनादि ब्रह्म, रवींद्र सिंह, आदित्य विक्रम जायसवाल आदि मौजूद थे।