आरपीएन सिंह के जाने से कांग्रेस को मिला बल, झारखंड के ये दिग्गज थामेंगे कांग्रेस का हाथ
Sukhdev bhagat and Pradep balmuchoo Join Congress आरपीएन सिंह के रहते सुखदेव भगत और प्रदीप कुमार बलमुचू ने कांग्रेस का दामन छोड़ा था। ऐसे में आरपीएन उनकी वापसी में अड़ंगा बने हुए थे। उन्होंने इनकी घर वापसी का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
रांची, राज्य ब्यूरो। आरपीएन सिंह के जाने के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस में मची उथल-पुथल ने उन कांग्रेसियों की राह आसान कर दी है, जो फिर से पार्टी में एंट्री करना चाहते हैं। इसमें सबसे आगे पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू चल रहे हैं। दोनों कद्दावर नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी छोड़ दी थी। सुखदेव भगत भाजपा में शामिल हुए, जबकि प्रदीप कुमार बलमुचू ने आजसू का दामन थामा। संयोग से दोनों विधानसभा चुनाव में परास्त हुए। लंबे अरसे से दोनों नेता कांग्रेस में वापसी का प्रयास कर रहे थे। अब उनकी वापसी तय हो गई है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक दोनों फिर से पार्टी में शामिल होंगे। दोनों की मुलाकात नई दिल्ली में पार्टी के वरीय नेताओं से हो चुकी है। नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के दौरे के क्रम में ही दोनों नेताओं को फिर से दल में शामिल कराया जा सकता है। आलाकमान से इस संबंध में आधिकारिक सहमति का इंतजार किया जा रहा है।
आरपीएन सिंह ने क्यों फंसाया था पेंच
आरपीएन सिंह के रहते सुखदेव भगत और प्रदीप कुमार बलमुचू ने कांग्रेस का दामन छोड़ा था। ऐसे में आरपीएन उनकी वापसी में अड़ंगा बने हुए थे। उन्होंने इनकी घर वापसी का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया था।
नए प्रदेश प्रभारी के दौरे में फिर से थाम सकते हाथ का दामन
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव उरांव की प्रतिद्वंद्विता सुखदेव भगत से जगजाहिर हैं। दोनों लोहरदगा से ताल्लुक रखते हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू से भी उनके छत्तीस के रिश्ते हैं। दोनों वरिष्ठ नेता भी कांग्रेस में उनकी एंट्री में बाधा बने हुए थे। हालांकि इससे इतर प्रदीप कुमार बलमुचू की पैरवी दोनों करते हैं। सुखदेव भगत और प्रदीप कुमार बलमुचू की वापसी से कांग्रेस धारदार होगी। हालांकि भविष्य में लोहरदगा सीट को लेकर कांग्रेस में पेंच फंस सकता है। फिलहाल रामेश्वर उरांव यहां से विधायक हैं। उधर प्रदीप कुमार बलमुचू की परंपरागत सीट घाटशिला है। गठबंधन के तहत यह सीट फिलहाल झामुमो के पास है।