Jharkhand Assembly Election 2019: कांग्रेसियों की दो टूक- 40 से कम नहीं, झाविमो-राजद में दम नहीं
विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कांग्रेस जिलाध्यक्षों ने प्रदेश अध्यक्ष को साफ कहा है कि पार्टी कम से कम 40 सीटों पर चुनाव लड़े। पढ़ें कांग्रेस भवन के अंदर की पूरी खबर...
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के जिलाध्यक्षों ने बहुमत से प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार को कहा कि पार्टी राज्य में कम से कम 40 सीटों पर चनाव लड़े। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से गठबंधन किया जाए। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) से गठबंधन बेकार है। क्योंकि, इन दोनों दलों के पास उम्मीदवारों की कमी है। ये लड़ाएंगे भी तो कांग्रेस नेता को ही अपनी पार्टी में मिलाकर। इधर, झामुमो 81 सीट में से 41 पर पहले ही दावा ठोक रखा है। जिलाध्यक्षों ने वामपंथी दलों से भी गठबंधन की वकालत की। हालांकि, अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया कि इस पर अंतिम फैसला महागठबंधन की बैठक में ही होगा।
- 81 विस सीटों वाले झारखंड में झामुमो ने 41 पर पहले ही ठोक रखा है दावा
- कोर टीम ने डॉ. अजय पर पूरा विश्वास जताया, अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास
- महानगर कांग्रेस के आधा दर्जन लोग पार्टी से निष्कासित, अन्य जिलों में भी विरोधियों पर कार्रवाई
विधानसभा चुनाव को लेकर बुलाई गई बैठक में सभी जिलाध्यक्षों ने अध्यक्ष के पक्ष में प्रस्ताव पारित करते हुए उन्हें बगावती रुख अख्तियार किए कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के लिए अधिकृत कर दिया है। कई जिलों में इसका असर दिखेगा और पुराने कांग्रेसियों के करीबी नेताओं पर गाज गिरनी तय है। सोमवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार की अध्यक्षता में जोनल कोऑर्डिनेटर, जिलाध्यक्ष, मीडिया एंड कम्युनिकेशन विभाग एवं अग्रणी मोर्चा संगठन विभाग के प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में मौजूद प्रमुख नेताओं ने कांग्रेस को 40 सीटों पर चुनाव लडऩे की वकालत की और इसके लिए झाविमो और राजद की सीटें काटने अथवा उन्हें बाहर करने की बात कही।
कई नेताओं ने कहा कि इन दोनों दलों के पास अपने नेता बचे नहीं और इधर-उधर से लोगों को तोड़कर उम्मीदवार बनाएंगे। हालांकि, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ कम सीटों पर चुनाव लडऩे और सभी विपक्षी दलों के एक साथ होने की वकालत की। जिलाध्यक्षों ने वामपंथी दलों को महागठबंधन का हिस्सा बनाने की वकालत की और कहा कि इनके कैडर का वोट बदलता नहीं है।
इसके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 75वीं जयंती (20 अगस्त 2019) को धूमधाम से मनाने का सभी को निर्देश दिया। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कहा कि सभी एकजुट हों, संगठित हों और विधानसभा चुनाव की तैयारी करें। डॉ. अजय कुमार ने कहा कि राज्य सरकार की विफलता सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है। किसानों की आत्महत्या, भूख से मौत, मॉब लिंचिंग, झारखंड की पहचान बन चुकी है।
बैठक में प्रस्ताव पारित कर सभी जिलाध्यक्षों ने सर्वसम्मति से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के नेतृत्व में आस्था व्यक्त की तथा उनके नेतृत्व में काम करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही संगठन के विरुद्ध जिलास्तर पर मीडिया में बयानबाजी करने वाले नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का भी प्रस्ताव पारित किया।
बैठक में जोनल कोऑर्डिनेटर सुलतान अहमद, भीम कुमार, मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ. राजेश गुप्ता, शमशेर आलम, संजय लाल पासवान, डॉ. एम. तौसीफ, आभा सिन्हा, ईश्वर आनंद, ज्योति सिंह मथारू, यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष कुमार गौरव, महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन सिंह, सेवादल के मुख्य संगठक नेली नाथन, अल्पसंख्यक कांग्रेस के अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी, ओबीसी अध्यक्ष अभिलाष साहु आदि मौजूद थे।
अधिसंख्य जिलाध्यक्ष रहे मौजूद
बैठक में प्रदेश के अधिसंख्य जिलों के जिलाध्यक्ष मौजूद रहे। इनमें प्रमुख तौर पर सुरेश बैठा, संजय पांडे, साजिद अहमद, रोशन बरवा, अनूप केशरी, कृष्णा चैधरी, देवकुमार राज, नरेश वर्मा, मुन्ना पासवान, शंकर प्रजापति, मंजूर अंसारी, मनोज सहाय पिंकू, जैश रंजन पाठक, अरविंद तूफानी, मुनेश्वर उरांव, विजय खां, सन्नी सिंकू, छोटेराय किस्कू, अनुकूल चन्द्र मिश्रा, दिनेश यादव, मुन्नम सिंह, उदय लखमानी, मुक्ता मंडल आदि के नाम हैं।
डॉ. अजय से धक्कामुक्की, महानगर कांग्रेस से छह नेता निष्कासित
झारखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बैठक में पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष का विरोध करते हुए कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ न सिर्फ नारे लगाए, बल्कि उनका पुतला फूंका और कार्यालय में प्रवेश से रोकने के लिए रास्ता भी रोका। आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष से धक्कामुक्की भी की गई। हो हंगामे के बाद महानगर कांग्रेस ने छह लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष संजय पांडेय ने इसके पीछे अनुशासनहीनता को मुख्य कारण बताते हुए सुधीर सिंह, योगेंद्र सिंह बेनी, आशुतोष नाथ पाठक, मनीष कुमार सिंह उर्फ संटू सिंह, टिंकू वर्मा व कृष्णा वर्मा को छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया।
डॉ. अजय को बैठक बुलाने का अधिकार नहीं
प्रदेश अध्यक्ष का विरोध कर रहे नेताओं का आरोप था कि पार्टी की बैठक बुलाने का अधिकार डॉ. अजय कुमार को नहीं है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके डॉ. अजय कुमार को बैठक बुलाने का हक नहीं है। डॉ. अजय के कार्यकाल में झारखंड में कांग्रेस कमजोर हुई है।
टिकट बचाने के लिए कर रहे लड़ाई : डॉ. अजय
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस भवन में हल्ला-हंगामा करनेवाले लोग भाड़े पर लाए गए थे। उनका मकसद कांग्रेस को कमजोर करना तथा भाजपा को मजबूत करना है। उन्होंने सुबोधकांत सहाय का नाम लिए बगैर कहा कि रांची के एक नेता के इशारे पर कांग्रेस भवन में हो-हंगामा किया गया। कुछ लोग रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए हंगामा का रास्ता अपनाए हुए हैं।
पांच में से तीन जोनल कोऑर्डिनेटर अनुपस्थित
सोमवार की बैठक में कांग्रेस के पांच जोनल कोर्डिनेटर में से दो ही मौजूद रहे, जबकि तीन बैठक में भाग लेने के लिए आए ही नहीं। नहीं आनेवालों के नाम अशोक चौधरी, रमा खलखो और केशव महतो कमलेश है। तीनों सुबोधकांत सहाय गुट के नेता हैं।
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