रांची, राज्य ब्यूरो: झारखंड सरकार ने झारखंड के लोगों को रोजगार देने के लिये नियोजन अधिनियम 2021 विधानसभा से पारित कराया था। इस कानून के तहत नियमावली अधिसूचित होने के एक महीने के भीतर 10 से अधिक कर्मियों वाली सभी प्राइवेट कंपनियों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी था।

सरकार के दबाव के बावजूद नहीं बढ़ा रजिस्ट्रेशन 

हालांकि अभी महज ग्यारह सौ कंपनियों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। यह रजिस्ट्रेशन भी राज्य सरकार के दबाव पर बढ़ा है। पिछले साल दिसंबर तक महज 400 कंपनियों ने ही अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। इस साल जनवरी माह में 701 नया रजिस्ट्रेशन हुआ।

पांच हजार से अधिक कंपनियों को भेजा गया नोटिस

अब विभाग ने पांच हजार से अधिक कंपनियों को रजिस्ट्रेशन के लिए नोटिस भेजा है। हालांकि रजिस्ट्रेशन की अंतिम समय सीमा तय नहीं की गई है। यह नियमावली पिछले साल 15 जुलाई को ही अधिसूचित हुई थी।

पोर्टल का निर्माण कर रहा विभाग

विभाग कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में तेजी लाने के लिए पोर्टल का निर्माण कर रहा है। विभाग के सचिव राजेश शर्मा के अनुसार, शीघ्र ही पोर्टल का निर्माण कर उसे चालू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाली कंपनियों के विरुद्ध अधिनियम के प्रविधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

विशेष समिति ने प्रकट की नाराजगी

इधर, निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय को देने के मामले को लेकर विधानसभा की विशेष समिति की हुई पहली बैठक में कंपनियों की उदासीनता पर नाराजगी प्रकट की गई। बैठक में विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि पांच हजार से अधिक कंपनियों को नोटिस भेजा गया है, जिन्होंने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।

75 प्रतिशत आरक्षण किया गया है अनिवार्य

बता दें कि इस अधिनियम के तहत 10 से अधिक कर्मियों वाले सभी निजी क्षेत्र को 40 हजार या इससे कम वेतन पर होने वाली कर्मियों की होने वाली नियुक्ति में स्थानीय उम्मीदवारों को 75 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य किया गया है।

कंपनियों को एक महीने के भीतर कराना था रजिस्ट्रेशन

इसे लागू करने की पहली कड़ी में कंपनियों को अधिनियम के तहत निजी क्षेत्र की सभी कंपनियों को एक माह के भीतर स्थानीय उम्मीदवारों के नियोजन अधिनियम, 2021 के प्रविधानों के तहत अपना रजिस्ट्रेशन एक माह के भीतर कराना था। साथ ही वैसे सभी कर्मियों का भी तीन माह के अंदर नामांकन कराना अनिवार्य किया गया है, जिनका वेतन 40 हजार या इससे कम है।

Edited By: Mohit Tripathi