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Jharkhand CM हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांगी आपात मदद, बेकाबू कोरोना संकट में बढ़ाएं हाथ

Jharkhand Covid Crisis पीएम मोदी को लिखे पत्र में सीएम ने कहा है कि झारखंड में प्रतिनियुक्त सेना और अर्धसैनिक बलों के डाक्टरों और पारा मेडिकल कर्मियों से मदद दिलाई जाए। हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए युद्धस्‍तर पर मदद की दरकार है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 07:47 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 12:49 PM (IST)
Jharkhand CM हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांगी आपात मदद, बेकाबू कोरोना संकट में बढ़ाएं हाथ
Jharkhand Covid Crisis: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आपात मदद का आग्रह किया है।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand Covid Crisis मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राज्य में तैनात सेना और अर्द्धसैनिक बलों में कार्यरत डॉक्टरों और पारा मेडिकल कर्मियों को आपदा की इस घड़ी में इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया है कि राज्य में 18 मार्च तक सौ से भी कम मरीज थे लेकन एक महीने के अंदर ही मरीजों की संख्या 3000 से अधिक हो गई है। इसके पूर्व संक्रमण की लहर में 90 प्रतिशत मरीजों में कोई सिम्प्टम नहीं था और ऑक्सीजन एवं वेंटिलेटर की आवश्यकतावाले मरीज कम ही थे। हम लोगों ने उम्मीद की थी कि दूसरे लहर में हालात ऐसे नहीं होंगे।

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सेना और अर्द्धसैनिक बलों के डॉक्टरों और पारा मेडिकल कर्मियों की मांगी मदद

झारखंड की सीमा पांच राज्यों की सीमा से मिलती है और इन राज्यों से आवागमन से संक्रमण और बढ़ा है। हम लोग अपने सीमित संसाधनों के साथ इस स्थिति से पूरी मशक्कत से जूझ रहे हैं सरकारी एवं प्राइवेट सेवा में उपलब्ध सभी डॉक्टरों व पारा स्वास्थ्य कर्मियों की मदद ली जा रही है। झारखंड में सीआरपीएफ, एएसबी आदि के जवान तैनात हैं जो वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ कार्रवाइयों में शामिल हैं। इनके साथ कई डॉक्टर और पारा मेडिकल कर्मी प्रतिनियुक्त हैं।

इसके अलावा रांची और रामगढ़ में दो मिलिट्री अस्पताल भी हैं। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि रांची और रामगढ़ में सैन्य छावनियों में तैनात चिकित्सकों व पारा मेडिकल कर्मियों की मदद हमारे लिए कोराना संक्रमित मरीजों के इलाज और प्रबंधन में बहुत ही उपयोगी होगी। ऐसी परिस्थिति में उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि गृह मंत्रालय को राज्य सरकार का सहयोग करने के लिए निर्देशित किया जाए ताकि मिलिट्री अस्पतालों में संक्रमित मरीजों का इलाज हो सके।

सीएम हेमंत सोरेन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी हू-ब-हू

सम्मानित प्रधानमंत्री,

विषय : झारखंड के सैन्य अस्पतालों में तैनात और अर्धसैनिक बलों के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्‍टाफ की सेवाएं राज्‍य को मिले इसकी अनुमति देने का अनुरोध। 

आप अवगत हैं कि हमारा राज्‍य झारखंड, भारत के अन्य हिस्सों की तरह, कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान COVID मामलों में तीव्र वृद्धि का सामना कर रहा है। यह मार्च 2021 के मध्य में शुरू हुआ है। 18 मार्च से पहले नए संक्रमित मामलों की औसत दैनिक संख्या 100 से कम थी, जबकि यह संख्या एक महीने से भी कम समय में 3000 से अधिक हो गई है। कोरोना की पहली लहर के दौरान, 90 प्रतिशत से अधिक मामले एक-दूसरे के संपर्क में आने से हुए थे। ऐसे कोरोना संक्रमितों की संख्या बेहद कम थी, जिन्‍हें ऑक्सीजन या वेंटिलेटर के समर्थन की आवश्यकता हो। हमने कोरोना टीकाकरण और प्रतिरक्षण क्षमता के कारण कोराेना के दूसरी लहर का कम असर होने का अनुमान लगाया था। लेकिन यह आश्चर्यजनक रूप से बेहद वायरल हो गया है। झारखंड एक लैंडलॉक्‍ड राज्य है जो अपनी सीमाएं पांच राज्यों जैसे कि यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के साथ साझा करता है।

कोविड महामारी से प्रभावित इन राज्यों से अंतरराज्यीय आवाजाही कोरोना संकट को और बढ़ा रहा है। हम इस महामारी से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो भी चिकित्सा अवसंरचना और संसाधन इस पिछड़े राज्य में उपलब्ध हैं, निजी और निजी क्षेत्र में उपलब्ध सभी डॉक्टरों और मेडिक्स का बेहतर उपयोग हो रहा है। लेकिन वर्तमान केस लोड को संभालने की आवश्यकता उपलब्धता की तुलना में बहुत अधिक है।

झारखंड एक नक्‍सल प्रभावित राज्य है। ऐसे में चरमपंथ माओवादियों से लड़ने के लिए सीआरपीएफ और एसएसबी जैसे बड़े केंद्रीय सैन्य बलों को राज्य में तैनात किया गया है।  बीते दिन मेरे द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान यह मेरे ध्यान में आया कि झारखंड में तैनात सीपीएमएफ की प्रत्येक कंपनी में निश्चित संख्या में डॉक्टर और पैरामेडि‍कल स्‍टाफ हैं। इसी तरह, रांची और रामगढ़ में दो सैन्य अस्पताल स्थित हैं, जो 23 इन्फैंट्री डिवीजन, सिख रेजिमेंट और पंजाब रेजिमेंट की चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। 

मुझे लगता है कि इन प्रतिष्ठानों के पास उपलब्धकर्ताओं और पारामेडिक्स की टुकड़ी को COVID-19 रोगियों के उपचार और प्रबंधन के लिए तैनात किए जाने की स्थिति में झारखंड को अपार मदद मिल सकती है। उपरोक्त के मद्देनजर, मैं आपसे आशा करता हूं कि गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को निर्देश दें कि वे कोविड-19 संक्रमित मरीजों के उपचार और प्रबंधन के लिए सीपीएमएफएस और सैन्य अस्पतालों के डॉक्टरों और चिकित्सकों की तैनाती के लिए राज्य सरकार को अनुमति देने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करें।

हेमंत सोरेन, मुख्‍यमंत्री झारखंड


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