Jharkhand CM हेमंत सोरेन का आदेश, प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड नहीं होम गार्ड करेंगे सरकार की सुरक्षा...
Jharkhand News Samachar झारखंड में अब राज्य सरकार के सभी विभागों में निजी सुरक्षा गार्ड नहीं गृह रक्षक सुरक्षा की कमान संभालेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News Samachar अब राज्य सरकार के सभी विभागों में निजी सुरक्षा गार्ड नहीं होंगे। इनके स्थान पर गृह रक्षकों को लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। गृह विभाग ने सरकार के इस आदेश से सभी अपर मुख्य सचिव, सभी प्रधान सचिव, सचिव, सभी विभागाध्यक्ष, सभी आयुक्त, उपायुक्तों को अवगत करा दिया है।
जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य सरकार के किसी भी विभाग में सुरक्षा कार्य के लिए निजी सुरक्षा गार्ड को नहीं लगाया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य के गृह रक्षकों ने पिछले दिनों जोरदार आंदाेलन किया था। उनका आरोप था कि उनसे काम नहीं लिया जाता है, जिसके चलते उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। उनकी मांगों पर सरकार ने विचार का आश्वासन दिया था। उन्हीं मांगों में एक मांग यह भी था, जिससे संबंधित आदेश जारी किया गया है ताकि कोई गृह रक्षक बेकार न रहे।
वित्त से अलग हुआ योजना विभाग, ग्रामीण विकास विभाग भी तीन हिस्सों में बंटा
राज्य कैबिनेट के फैसले के अनुरूप अब योजना एवं वित्त विभाग को अलग-अलग कर दिया गया है। दोनों विभाग 2016 में तत्कालीन सरकार के द्वारा एक साथ कर दिए गए थे लेकिन काम करने का तरीका नहीं बदला था। योजना विभाग अलग काम कर रहा था और वित्त विभाग अलग। इसी प्रकार ग्रामीण विकास विभाग से पंचायती राज और ग्रामीण कार्य विभाग को अलग कर दिया गया है। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल के हस्ताक्षर से यह अधिसूचना जारी हुई है। अब नए विभागों के लिए अलग से सचिव की नियुक्ति होगी।
योजना एवं विकास विभाग के अधीन राष्ट्रीय विकास परिषद, नीति आयोग से समन्वय, ग्रेटर रांची की योजनाएं और राज्य योजना प्राधिकृत समिति से संबंधित तमाम कार्य होंगे। राज्य योजना पर्षद, राज्य विकास परिषद और विकास आयुक्त से संबंधित समस्त विषयों पर यह विभाग निर्णय लेगा। दोनों विभागों के कार्यों को अलग-अलग परिभाषित भी कर दिया गया है। वित्त विभाग के अधीन वित्तीय प्रबंधन, वित्तीय संसाधन, अंकेक्षण एवं लेखा, सांस्थिक वित्त, कोषागार, भविष्य निधि एवं पेंशन जैसे विषय होंगे।
दूसरी ओर, ग्रामीण विकास विभाग में एनआरईपी की स्थापना एवं प्रशासनिक नियंत्रण, प्रखंड स्थापना, बीपीएल सर्वे जैसे तमाम विषय होंगे। ग्रामीण कार्य विभाग के पास प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, ग्रामीण पथों का निर्माण, मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना का कार्यान्वयन जैसे विषय होंगे। पंचायती राज विभाग के पास पंचायती राज की तमाम संस्थाओं का नियंत्रण होगा। पेसा अधिनियम का कार्यान्वयन एवं प्रबंधन भी यहीं से देखा जाएगा और सभी जिलों के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त की स्थापना का आवंटन किया जाएगा। पंचायत क्षेत्र का समग्र विकास जैसे विषय इसी विभाग के पास होंगे।