Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन ने दिए CID जांच के आदेश, वन विभाग के कर्मियों ने की अवैध रूप से वन की कटाई... पूरा मामला, जानिए
Jharkhand News झारखंड के पलामू के पांकी वन क्षेत्र से वन विभाग के कर्मियों द्वारा अवैध रूप से वन की कटाई करने के मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने CID जांच के आदेश दिए है। अधिकारियों पर आरोप है कि लकड़ी माफिया से मिलीभगत कर लकड़ी की तस्करी कराई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News पलामू के पांकी थाने में इसी वर्ष गत 20 जनवरी को वन अधिकारियों पर दर्ज प्राथमिकी का अनुसंधान अब अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) करेगी। सीआइडी जांच कराने संबंधित प्रस्ताव पर मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वीकृति दे दी है। पूरा मामला वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से लकड़ी तस्करी व जंगल में अवैध रूप से वन की कटाई से संबंधित है। इस मामले में पांकी थाने में 20 जनवरी को मेदिनीनगर पलामू के सहायक वन संरक्षक राम सूरत प्रसाद ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उन्होंने मेदिनीनगर वन प्रमंडल में पांकी थाना क्षेत्र के कुंदरी वन प्रक्षेत्र स्थित अंदाग जंगल से बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से लकड़ी की कटाई व चार किलोमीटर क्षेत्र में वन का सफाया कराने का आरोप वन क्षेत्र पदाधिकारी जितेंद्र कुमार हाजरा, वनपाल महाराज सिंह व वन रक्षी मोहाफिज अंसारी पर लगाया था।
आरोप है कि इन अधिकारियों ने लकड़ी माफिया से मिलीभगत कर इलाके में लकड़ी की तस्करी कराई है। इस मामले में पांकी थाने में कांड संख्या 07/2022 में केस दर्ज हुई है। इस मामले का अनुसंधान अभी लंबित है। इसी बीच मामला हाई प्रोफाइल होने के चलते वन विभाग ने पूरे मामले की जांच सीआइडी से कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह स्वीकृति दी है। अभी कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री के आदेश पर ही वन क्षेत्र से पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी आरा मीलों को हटाया गया था।
आंतरिक जांच के बाद वन विभाग ने दर्ज कराई है प्राथमिकी
लकड़ी कटाई के मामले का खुलासा 27 अप्रैल 2020 को हुआ था। तब झारखंड ही नहीं, पूरे देश में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते लाकडाउन लगा था। इसी बीच वन विभाग को जानकारी मिली कि मेदिनीनगर वन प्रक्षेत्र के सुरक्षित वन क्षेत्र अंदाग जंगल में तीन से चार किलोमीटर तक वन माफिया ने जंगल की कटाई कर दी है। इसमें बड़ी संख्या में सखुआ, आसन, बहेरा, जामुन, कहुआ, अर्जुन, साले, गीजन आदि इमारती लकड़ियों के पेड़ थे। इतनी भारी संख्या में पेड़ कट गए, लेकिन वन विभाग को भनक तक नहीं लगी।
इसके बाद वन विभाग ने गहन छापेमारी अभियान चलाया और कुंदरी वन प्रक्षेत्र से 200 से अधिक ट्रैक्टर को लकड़ियों के साथ जब्त कर कुंदरी वन प्रक्षेत्र के कार्यालय परिसर में रखवाया। करीब 50 से अधिक ट्रैक्टर लकड़ी लेकर भागने में वन माफिया सफल रहे। इस पूरी घटना की वन विभाग ने आंतरिक जांच कराई और उसके बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पूरा मामला अभी अनुसंधान के अधीन है।