झारखंड: हेमंत सरकार ने जबरन 2000 शिक्षकों का तबादला किया... शिक्षा विभाग में हड़कंप...
Jharkhand News झारखंड में 1316 सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे सरप्लस 1902 शिक्षक दूसरे स्कूलों में भेजे जाएंगे। फिलहाल 6386 स्कूल एक शिक्षक और 14867 स्कूल दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। राज्य सरकार ने ऐसे शिक्षकों की पहचान कर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। Jharkhand News झारखंड के 1316 सरकारी स्कूलों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं। वहां बच्चों की संख्या कम है, लेकिन शिक्षक अधिक कार्यरत हैं। इन स्कूलों में स्वीकृत पदों से भी अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं। इनमें से अधिसंख्य शहरी क्षेत्रों के स्कूल हैं, जहां शिक्षक अपनी सुविधा के लिए पदस्थापित हो गए हैं। दूसरी तरफ, राज्य में हजारों ऐसे स्कूल हैं जो एक या दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। कई स्कूल ऐसे हैं जहां सभी विषयों में शिक्षक भी नहीं हैं।
अब राज्य सरकार ने उन स्कूलों के शिक्षकों को कम शिक्षक की संख्या वाले स्कूलों में भेजने का निर्णय लिया है जिनमें आवश्यकता से अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं। यू डायस प्लस के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 1,316 स्कूल ऐसे हैं जहां सरप्लस शिक्षक कार्यरत हैं। ऐसे शिक्षकों की संख्या 1,902 है। हालांकि यह संख्या अधिक होने की उम्मीद है। जो भी हो, अब इन शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जो नवंबर-दिसंबर माह में पूरी होगी।
बताया गया है कि एक तो कई स्कूलों में सरप्लस शिक्षक हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य में 6,386 स्कूल ऐसे हैं जो महज एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। शिक्षक किसी कारण नहीं पहुंचे या अवकाश में रहे तो स्कूल बंद। वहीं, राज्य में 14,867 स्कूल ऐसे हैं जिनमें महज दो शिक्षक कार्यरत हैं। अधिक संख्या में कार्यरत शिक्षकों को अब इन स्कूलों में भेजा जाएगा।
गणित और विज्ञान में छात्रों की तुलना में शिक्षक काफी कम
राज्य के स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात (पीटीआर) की स्थिति ठीक नहीं है। सबसे खराब स्थिति गणित और विज्ञान विषय में है। केंद्र सरकार ने भी इस ओर राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए शिक्षकों की शीघ्र नियुक्ति के निर्देश दिए हैं। यूडायस प्लस के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में गणित में 287 छात्रों तथा विज्ञान में 204 छात्रों पर एक शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं, भाषा में 95 तथा सामाजिक विज्ञान में 135 छात्र पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं।
सबसे पहले आवश्यकता के अनुसार होना है शिक्षकों का स्थानांतरण
राज्य सरकार ने शिक्षक स्थानांतरण नीति में हाल ही में संशोधन करने के बाद सबसे पहले शिक्षकों का रेशनलाइेजशन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिन स्कूलों में अधिक शिक्षक उपलब्ध हैं उन्हें उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां कम संख्या में शिक्षक उपलब्ध हैं। इसके साथ ही प्रशासनिक आधार पर शिक्षकों का स्थानांतरण होना है। इसके तहत जोन एक, दो तथा तीन में लगातार छह वर्षों से पदस्थापित शिक्षकों का प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण होगा।