Move to Jagran APP

Private Hospitals: 50+ बेड वाले प्राइवेट अस्पतालों को लगाना होगा ऑक्सीजन प्लांट, सरकार ने दिया आदेश

Jharkhand News झारखंड में 50 या इससे अधिक बेड वाले सभी निजी अस्पतालों को प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट लगाना होगा। विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी उपायुक्तों को इस बाबत निजी अस्पतालों के प्रबंधन को निर्देश देने को कहा है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 10:54 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 10:54 PM (IST)
Private Hospitals: 50+ बेड वाले प्राइवेट अस्पतालों को लगाना होगा ऑक्सीजन प्लांट, सरकार ने दिया आदेश
Jharkhand News: झारखंड में 50+ बेड वाले सभी निजी अस्पतालों को प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट लगाना होगा।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड में 50 या इससे अधिक बेड वाले सभी निजी अस्पतालों को प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट लगाना होगा। विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी उपायुक्तों को इस बाबत निजी अस्पतालों के प्रबंधन को निर्देश देने को कहा है। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि वर्तमान में अधिसंख्य निजी अस्पताल ऑक्सीजन के लिए सिलेंडरों पर निर्भर हैं। ऐसे में रिफलिंग या ट्रांसपोर्टेशन में किसी तरह की बाधा आने पर ऑक्सीजन की कमी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

loksabha election banner

उन्होंने उपायुक्तों से भविष्य में मरीजों के बढ़ने या अगली लहर की आशंका को देखते हुए 45 दिनों के भीतर इसका अनुपालन कराने को कहा है। सभी अस्पताल सिलेंडर की वर्तमान व्यवस्था को भी जारी रखेंगे। उन्होंने 50-60 बेड वाले अस्पतालों में टैंक लगाने को लेकर भी आवश्यक निर्देश अस्पताल प्रबंधन को देने को कहा है। बता दें कि राज्य सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों व सदर अस्पतालों में  पीएसए प्लांट लगाने जा रही है, लेकिन निजी अस्पतालों में अभी तक इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

वैक्सीन की कमी से सुस्त टीकाकरण, 70 फीसद वैक्सीन दूसरी डोज पर खर्च

राज्य में वैक्सीन की कमी का असर 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण पर पड़ रहा है। वैक्सीन कम होने से वर्तमान में 25 से 30 हजार लोगों का ही टीकाकरण प्रतिदिन हो पा रहा है। कुछ जिलों में वैक्सीन कम होने से दूसरे जिलों से वहां वैक्सीन मंगाकर भेजी जा रही है। वहीं, कुछ जगहों पर दूसरी डोज के टीकाकरण के लिए पहुंचे लोग लौटाए जा रहे हैं। मंगलवार को रांची में ही कई केंद्रो से लोग बिना टीका लिए वापस लौट गए। राज्य में आठ मई तक कोविशील्ड के लगभग 1.71 लाख तथा कोवैक्सीन की 2.68 लाख डोज बची थी। हालांकि राहत की बात यह है कि मंगलवार को कोविशील्ड की एक लाख डोज रांची पहुंच गई। इससे अब लगभग कोविशील्ड के दो लाख डोज राज्य में हो चुके हैं।

इधर, केंद्र के निर्देश पर उपलब्ध वैक्सीन में 70 फीसद वैक्सीन दूसरी डोज में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। 30 फीसद वैक्सीन ही पहली डोज में इस्तेमाल हो रही है। बता दें कि राज्य में 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में 27 फीसद को ही पहली डोज लग सकी है। वहीं, 29 मार्च तक पहली डोज लेनेवाले इस आयु वर्ग के लोगों में 28 फीसद ही दूसरी डोज का टीका लगवा सके हैं। हालांकि इस अवधि तक पहली डोज लगवाने वाले 73 फीसद हेल्थ केयर वर्कर्स तथा 68 फीसद फ्रंटलाइन वर्कर्स का दूसरी डोज का टीकाकरण हो चुका है।

समय पर दूसरी डोज का टीका जरूरी

शुरू में दूसरी डोज का टीका 28 दिन बाद लगाया जा रहा था, लेकिन अब कोविशील्ड की दूसरी डोज छह से आठ हफ्ते के बीच लगाई जा रही है। हालांकि कोवैक्सीन की डोज अभी भी चार से आठ हफ्ते के बीच लगाई जा रही है। पूर्व निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं डा. बी मरांडी के अनुसार, वैक्सीन की दोनों डोज लेना अत्यंत जरूरी है, क्योंकि दूसरी डोज बूस्टर के रूप में काम करता है। दूसरी डोज का टीका समय पर लेने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन किसी कारण टीका नहीं ले पाते हैं तो बाद में भी ले सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.