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Jharkhand News: हेमंत ने अपनाया गुजरात का माॅडल... पीएम नरेंद्र मोदी कर चुके हैं प्रशंसा... जानिए, क्या कर रही झारखंड सरकार

Jharkhand Education News गुजरात की तर्ज पर झारखंड में भी अब सरकारी स्कूलों की प्रतिदिन आनलाइन निगरानी होगी। इसके लिए कमांड एंड कंट्रोल सेेंटर विकसित किया जाएगा। हाल ही में पीएम मोदी भी इस पहल की सराहना कर चुके हैं। अब झारखंड भी उसी राह पर बढ़ चला है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 08:43 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 08:46 PM (IST)
Jharkhand News: हेमंत ने अपनाया गुजरात का माॅडल... पीएम नरेंद्र मोदी कर चुके हैं प्रशंसा... जानिए, क्या कर रही झारखंड सरकार
Jharkhand News: हेमंत ने अपनाया गुजरात माॅडल... पीएम नरेंद्र मोदी कर चुके हैं प्रशंसा... जानिए, क्या कर रही झारखंड सरकार

रांची, {नीरज अम्बष्ठ}। झारखंड के सरकारी स्कूलों की अब आनलाइन निगरानी होगी। मुख्यालय स्तर से प्रतिदिन यह पता चल सकेगा कि किस स्कूल में कितने बच्चे आए और शिक्षकों की कितनी उपस्थिति रही। कितने बच्चों ने मिड डे मील खाया तथा उस दिन मेनू में क्या-क्या था। बच्चों की उस दिन किन विषयों की पढ़ाई हुई। जरूरत पड़ने पर बच्चों और शिक्षकों से आनलाइन बात भी की जा सकेगी। इस तरह की व्यवस्था गुजरात में पहले से है और अब इसे झारखंड में भी लागू किया जाएगा।

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पहली बार केंद्र सरकार ने बीच में बढ़ाया बजट

इसके लिए राज्य मुख्यालय में शिक्षा समीक्षा केंद्र की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुजरात के गांधी नगर में स्थापित इस केंद्र की सराहना करते हुए अन्य राज्यों को इसका अध्ययन करने का सुझाव दिया था। केंद्र ने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के रूप में शिक्षा समीक्षा केंद्र की स्थापना के लिए पांच करोड़ रुपये के बजट की स्वीकृति दे दी है। बकायदा इसे लेकर समग्र शिक्षा अभियान का बजट बीच में बढ़ाया गया। ऐसा पहली बार हुआ है। शिक्षा समीक्षा केंद्र में आइटी इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा काल मैनेजमेंट साल्यूशन, एसएमएस गेटवे, डैश बोर्ड, मोबाइल ऐप आदि के लिए 415 लाख तथा अन्य आपरेशनल खर्च के लिए 85 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं।

50,16,453 बच्चों का तैयार होगा डाटा, होगी ट्रैकिंग

केंद्र ने प्री प्राइमरी से बारहवीं कक्षा तक के 50,16,453 बच्चों का डाटा तैयार करने तथा बच्चों की आनलाइन ट्रैकिंग के लिए भी राशि की स्वीकृति दी है। इस डाटा का उपयोग शिक्षा समीक्षा केंद्र में किया जाएगा। केंद्र ने सभी राज्यों के लिए इसे अनिवार्य किया है। इसके लिए प्रति बच्चे तीन रुपये की दर से कुल 150.49 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसी तरह, मानिटरिंग इंफारमेशन सिस्टम तथा यूडायस प्लस में आंकड़े संग्रहित करने के लिए प्रति बच्चे दो रुपये की दर से 100.32 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। कुल राशि में 40 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष राज्य सरकार को वहन करना होगा।

जानिए, आखिर क्या है गुजरात का यह माडल

गुजरात के गांधी नगर में स्थापित शिक्षा समीक्षा केंद्र से शिक्षकोंं और विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति पर नजर रख उसका विश्लेषण किया जाता है। छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली शिक्षा और उनके सीखने से संबंधित जानकारियां मिलती हैं। मिले फीडबैक का अध्ययन कर शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास किया जाता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल अप्रैल माह में उसका निरीक्षण करते हुए कहा थ कि शिक्षा समीक्षा केंद्र पूरे भारत में शिक्षा क्षेत्र के व्यापक पैमाने पर बदलाव का माद्दा रखता है। उन्होंने राज्यों से अपील की थी कि वे इ केंद्र का अवलोकन तथा अध्ययन करें। हाल ही में गुजरात में हुए शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान सभी शिक्षा मंत्रियों को वहां भ्रमण भी कराया गया था। हालांकि झारखंड के शिक्षा मंत्री उस सम्मेलन में नहीं जा सके थे। उनकी जगह शिक्षा सचिव राजेश शर्मा गए थे।


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