पारा शिक्षकों की हसरत पर फिरा पानी, सरकार ने कहा-नहीं करेंगे स्थायी, हड़ताल करने पर अड़े
उच्चस्तरीय कमेटी की स्थायीकरण की अनुशंसा खारिज करने के बाद मुख्य सचिव के साथ पारा शिक्षकों की वार्ता विफल हो गई है। वे अब हड़ताल पर जाएंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में सर्व शिक्षा अभियान (अब समग्र शिक्षा अभियान) के तहत कार्यरत 67 हजार पारा शिक्षकों का स्थायीकरण नहीं किया जा सकता। उन्हें वेतनमान भी नहीं दिया जा सकता। मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने गुरुवार को पारा शिक्षकों के साथ हुई वार्ता में उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा के आलोक में यह जानकारी दी।
दूसरी तरफ, पारा शिक्षक अपनी मांग को लेकर अड़े रहे जिससे वार्ता विफल हो गई। इनका प्रस्तावित आंदोलन जारी रहेगा। मुख्य सचिव ने पारा शिक्षकों के 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सरकार का विरोध करने तथा अगले दिन से प्रस्तावित हड़ताल को देखते हुए वार्ता करने का प्रयास किया। उन्होंने वार्ता के क्रम में कहा कि पारा शिक्षकों का स्थायीकरण नहीं किया जा सकता, लेकिन उनका मानदेय बढ़ाने, उनके लिए कल्याण कोष के गठन तथा टेट के प्रमाणपत्र की वैधता पांच साल से बढ़ाकर सात साल करने को लेकर सरकार गंभीर है।
उन्होंने पारा शिक्षकों से 15 नवंबर से प्रस्तावित आंदोलन वापस लेने की अपील की। दूसरी तरफ, पारा शिक्षक स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर अड़े रहे। इस कारण मुख्य सचिव के साथ पारा शिक्षकों की हुई वार्ता विफल रही। वार्ता में शिक्षा सचिव एपी सिंह, परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह, प्रशासी पदाधिकारी जयंत मिश्रा, पारा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल में संजय दुबे, विनोद बिहारी महतो, ह्रषिकेश पाठक, बजरंग प्रसाद, सिंटू सिंह आदि शामिल थे।
मानदेय वृद्धि से 40 करोड़ का अतिरिक्त भार : मुख्य सचिव ने पारा शिक्षकों को बताया कि उनका मानदेय बढ़ाने से 40 करोड़ रुपये का सालाना अतिरिक्त भार सरकार पर बढ़ेगा। 56,170 पारा शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं, कल्याण कोष से किसी पारा शिक्षक के निधन होने पर आश्रित को एकमुश्त राशि देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि ये सभी कार्य निर्बाध ढंग से हो सके, इसलिए पारा शिक्षक सरकार को सहयोग करें।
मुख्य सचिव की अपील दरकिनार, दिखाएंगे काला झंडा : पारा शिक्षकों पर मुख्य सचिव की अपील का कोई असर नहीं पड़ा। मुख्य सचिव के साथ हुई वार्ता विफल होने के बाद एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की। इसके तहत राज्य भर के पारा शिक्षक रांची के मोरहाबादी मैदान में प्रस्तावित स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे।
इस समारोह में मुख्यमंत्री द्वारा स्थायीकरण व वेतनमान की घोषणा नहीं की जाएगी तो वे काला झंडा दिखाकर विरोध दर्ज कराएंगे। पारा शिक्षकों ने 16 नवंबर से हड़ताल पर भी चले जाने की चेतावनी दी है।एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अनुसार, मुख्य सचिव ने आंशिक मानदेय बढ़ाने का आश्वासन दिया।
मानदेय कितना फीसद बढ़ेगा यह भी नहीं बताया। महज 200-400 रुपये मानदेय बढ़ाने की बात कही जा रही है। वहीं, कल्याण कोष में पारा शिक्षकों से ही 200 रुपये प्रतिमाह लेकर उनके मरने पर ढाई लाख रुपये देने की बात कही जा रही है।