झारखंड के मुख्यमंत्री खुद लिख रहे अपनी बायोग्राफी
झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रघुवर दास की जीवन यात्रा किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
अमन कुमार, रांची। झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रघुवर दास की जीवन यात्रा किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। इसमें अभाव, संघर्ष और सफलता के कई अध्याय मौजूद हैं। लगभग हर मोर्चे पर फतह हासिल करने वाले रघुवर दास की जिंदगी के कुछ अनछुए पहलुओं की जानकारी लोगों को जल्द मिलेगी। मुख्यमंत्री खुद अपनी आत्मकथा लिख रहे हैं। इसका नाम मजदूर से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर होने की संभावना है।
माना जा रहा है कि साल के अंत तक इसे प्रकाशित किया जाएगा। इसके माध्यम से झारखंड की राजनीति से जुड़े कई रोचक तथ्य भी सामने आएंगे। रघुवर दास पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा और शिबू सोरेन के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों के काम करने के तरीके और उनके साथ संबंध के बारे में भी आत्मकथा में लोगों को जानकारी मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक जीवन से पूर्व की कहानी भी लोग इसके माध्यम से जानेंगे। उनका बचपन संघर्ष में गुजरा है। जमशेदपुर में एक मजदूर परिवार में जन्मे रघुवर दास को पढ़ाई के दौरान छोटे मोटे काम करने पड़े, बिजली के सामान, कोयला आदि की दुकान भी खोली और टाटा टाटा स्टील के रोलिंग मिल में मजदूरी की, जहां उन्हें छंटनी का शिकार होना पड़ा था। वे शायद इन चीजों के लिए नहीं बने थे। इसलिए व्यापार और नौकरी के बदले उन्हें राजनीति में सफलता मिली। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत जेपी आंदोलन से हुई। संघ विचारक गोविंदाचार्य की नजर सबसे पहले उनपर पड़ी थी।
1995 में पहली बार जमशेदपुर पूर्व से टिकट मिलने के बाद लगातार वहां से वे विधायक हैं। भाजपा में मंडल अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने का मौका उन्हें मिल चुका है। अपने पुराने दिनों को याद कर मुख्यमंत्री कई मौके पर भावुक हो चुके हैं। माना जा रहा है कि उन तमाम भावनाओं को आत्मकथा के माध्यम से लोगों के बीच रखने की कोशिश की जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की आत्मकथा भी प्रकाशित हो चुकी है। वहीं खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के राजनीतिक जीवन पर पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है।
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निजी जीवन
रघुवर दास का जन्म 03 मई 1955 को जमशेदपुर में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता स्व. चवन राम टाटा स्टील में छोटे कर्मचारी थे। हरिजन हाईस्कूल, भालूबासा से मैट्रिक और को-ऑपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर से बीएससी और एलएलबी तक की उन्होंने पढ़ाई की है। उनकी पत्नी का नाम रुक्मिणी देवी है। रघुवर एक पुत्र और एक पुत्री के पिता हैं।