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Jharkhand Budget Session: बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में उठा किरोसिन में विस्फोट का मामला, CM ने कहा- आश्रितों को 4-4 लाख मिलेगा मुआवजा

Jharkhand Assembly Budget Session बजट सत्र के तीसरे दिन भी विधानसभा में हंगामा जारी रहा। इस दौरान सदन में हजारीबाग में जन वितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जा रहे किरोसिन में विस्फोट का मामला भी उठा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की जांच चल रही है।

By Vikram GiriEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 11:47 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 03:11 PM (IST)
Jharkhand Budget Session: बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में उठा किरोसिन में विस्फोट का मामला, CM ने कहा- आश्रितों को 4-4 लाख मिलेगा मुआवजा
Jharkhand Budget Session: बजट सत्र के तीसरे दिन भी विधानसभा करते भाजपा विधायक। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । झारखंड में बजट सत्र के तीसरे दिन भी विधानसभा में हंगामा जारी रहा। इस दौरान सदन में हजारीबाग में जन वितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जा रहे किरोसिन में विस्फोट का मामला भी उठा। इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। उन्होंने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की।

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इससे पहले भाजपा विधायकों ने नियोजन नीति रद करने के विरोध में प्रदर्शन किया। विरोध करते हुए वेल तक पहुंच गए। यहां तक की भाजपा विधायक मनीष जायसवाल वेल में लेट गए। इस हंगामे को देखते हुए विधानसभा स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। जिसके बाद दोबारा कार्यवाही शुरू हुई। भाजपा विधायक विरंची नारायण, रणधीर सिंह, मनीष जायसवाल ने एक स्वर में कहा कि हेमंत सरकार युवाओं का रोजगार छिनने का काम कर रही है। स्पीकर ने विपक्षी दल के विधायकों की इस व्यवहार को मर्यादा के प्रतिकूल बताया।

बजट सत्र के दूसरे सत्र शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ। हालांकि इसके बाद भाजपा विधायक सदन का बहिष्कार कर निकल गए। दरअसल, अनंत ओझा कटौती प्रस्ताव लाए थे। जिसका भाजपा विधायकों ने बहिष्कार किया और वे सदन से बाहर निकल गए। इस दौरान विधायक सीपी सिंह ने रांची विवि के पत्र को फाड़कर फेंक दिया। जिसमें उन्हें सीनेट का सदस्य बनाया गया था। उन्होंने कहा कि हमलोग किसी को खुशामद करने गए थे कि हमें श्यामा प्रसाद विवि में सीनेट का सदस्य बनाया जाए, हमें सदस्य बनाया गया और फिर अगले ही दिन हटा दिया गया। यह अपमान है। वहीं, प्रदीप यादव ने इस पर कहा कि सीपी सिंह का आचरण संसदीय आचरण के खिलाफ है। लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि रघुवर दास ने ऐसी नियोजन नीति बनाई, जिससे स्थानीय लोगों को नुकसान होगा। बंधु तिर्की ने कहा कि गलत तरीके से संस्कृत और अंग्रेजी को जनजातीय भाषा की सूची में शामिल किया गया है।


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