राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड विधानसभा में शनिवार को भाजपा विधायकों ने अवैध पत्थर खनन को लेकर जमकर हंगामा किया। पहली पाली की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक विरंची नारायण ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से साहिबगंज और पलामू में अवैध पत्थर खनन से पहाड़ों के गायब होने का मामला उठाया।

उन्होंने कहा कि अवैध खनन में बड़े पैमाने पर विस्फोटक का इस्तेमाल होता है। ये विस्फोटक उग्रवादियों से ही मिलते हैं, इसलिए इसकी एनआइए से जांच होनी चाहिए।

प्रभारी मंत्री बोले- अवैध खनन पर रोक के कारण बढ़ा राजस्‍व 

प्रभारी मंत्री बादल ने सरकार के जवाब में कहा कि अवैध खनन पर रोक के कारण ही राजस्व बढ़ा है। पिछली सरकार की अपेक्षा कई गुना अधिक राजस्व वर्तमान सरकार ने पिछते तीन सालों में संग्रह किया है।

इसपर विरंची नारायण ने कहा कि मंत्री ने वैध खनन पर जवाब दिया अवैध खनन पर नहीं। इस बीच बिरंचि‍ सहित भाजपा के कई विधायकों ने 20 हजार करोड़ का घोटाला बताते हुए इसकी सीबीआइ या विधानसभा की कमेटी से जांच कराने की मांग उठाते हुए आसन के समक्ष पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे।

विधायकों ने स्पीकर से कहा कि वे अपने अधिकार का उपयोग करते हुए विधानसभा की कमेटी गठित करें तथा साढ़े तीन करोड़ जनता को सुरक्षा प्रदान कर दें।

सभी विषयों पर कमेटी नहीं गठित की जा सकती: स्पीकर 

जवाब में स्पीकर ने कहा कि सभी विषयों पर कमेटी नहीं गठित की जा सकती। उन्होंने लगातार प्रदर्शन को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले विपक्ष को जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री बादल ने कहा कि विपक्ष के पास हिम्मत है तो वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा रेल मंत्री को भेजे गए पत्र का जवाब लेकर आएं।

उन्होंने पत्र दिखाते हुए कहा कि इसमें लिखा गया है कि रेलवे के अधिकारी भी अवैध खनन में संलिप्त थे। इस बीच, सरयू राय ने कहा कि अवैध खनन से पर्यावरण को क्षति हो रही है। इसे लेकर एनजीटी ने इसी 15 मार्च को कहा है कि राज्य सरकार वहां अराजकता रोकने में असफल है।

इस पर भाजपा विधायकों ने शेम-शेम के नारे लगाए। बिरंचि‍ नारायण ने कहा कि सरकार अपने कर्मों को छिपाने के लिए कभी सीबीआई जांच नहीं कराएगी, लेकिन स्पीकर को इसकी विधानसभा की समिति से जांच करानी चाहिए नहीं तो इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।

अवैध परिवहन की एसआइटी करेगी जांच

प्रभारी मंत्री बादल ने कहा कि रेलवे द्वारा अवैध परिवहन की जांच के संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग ने एक मार्च 2023 को एसआइटी का गठन किया है। जिन मामलों में विभागीय पदाधिकारियों की संलिप्तता सामने आती है उनमें अनुशासनिक कार्रवाई होती है।

उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 274, 2021-22 में 265 तथा 2023-24 में फरवरी माह तक 565 प्राथमिकी दर्ज की गई है।

Edited By: Prateek Jain