रांची, राज्य ब्यूरो: विधानसभा में बजट सत्र के दौरान शुक्रवार की दूसरी पाली में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 7.24 करोड़ रुपये का अनुदान मांग चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित हो गया।
राजमहल से भाजपा के विधायक अनंत कुमार ओझा के कटौती प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों की चर्चा के बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सरकार का जवाब प्रस्तुत किया।
जिलों के उपायुक्तों से तलब की गई है रिपोर्ट
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पिछली सरकार में 2016-17 में बंद किए गए 4096 स्कूल खोलने के लिए राज्य सरकार दो महीने के भीतर निर्णय लेगी। इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्तों से रिपोर्ट तलब की गई है।
राज्य में गरीब तबका के बच्चों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचे यह सरकार की प्राथमिकता है। ड्राप आउट को भी गंभीरता से लिया जा रहा है। राज्य में शिक्षकों की कमी है, जिसके निराकरण की दिशा में सरकार प्रयासरत है। व्यावसायिक शिक्षा के अलावा राज्य में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने की दिशा में भी सरकार कार्य कर रही है।
जब मंत्री आलमगीर आलम सदन में सरकार का जवाब प्रस्तुत कर रहे थे, उसी वक्त भाजपा विधायकों ने कुछ सवाल रखा और शिक्षकों के वेतन घटने पर सरकार का जवाब मांगा। सत्ता पक्ष के विधायक मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होने के बाद जवाब पूरी होने के पहले ही सदन का बहिष्कार कर दिया।
विधायक अनंत कुमार ओझा ने कही ये बात
इससे पहले विधायक अनंत कुमार ओझा ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के बजट पर सदन में कटौती प्रस्ताव लाया और बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में सरकार केवल 61 प्रतिशत राशि ही खर्च कर सकी है।
राज्य में 90 हजार से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। वर्तमान में हेमंत सोरेन की सरकार के तीन साल हो गए, लेकिन नियुक्ति की दिशा में कोई पहल नहीं की गई।
सरकार ने पहले वित्तीय वर्ष में राज्य के खजाना खाली का रोना रोया, दूसरे वित्तीय वर्ष में कोरोना संक्रमण बना बहाना और तीसरे वित्तीय वर्ष में नियोजन नीति ही नहीं बनी। राज्य सरकार ने नौजवानों को सिर्फ धोखा दिया है।
गांडेय से झामुमो के विधायक डा. सरफराज अहमद ने कटौती प्रस्ताव के विरोध में कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का बजट राज्य हित में है।
पूर्व की सरकार ने जिन पारा शिक्षकों को दुत्कारा, उनका इस सरकार ने दुख बांटा और उन्हें सहायक शिक्षक बनाया। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि चुनाव में जो वादा किया, उसे पूरा करें।
राज्य सरकार तीन साल से रेंग रही: भाजपा विधायक डा. नीरा यादव
कोडरमा की भाजपा विधायक डा. नीरा यादव ने कहा कि तीन साल में बच्चा खड़ा होने लगता है, लेकिन यह सरकार तीन साल से रेंग रही है। पिछली सरकार में पांच लाख से अधिक लोगों को नौकरी मिली, इस सरकार में नियोजन नीति को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी।
यह सरकार राज्य को रसातल में ले जाने का काम कर रही है। स्कूलों के रंग, बच्चों के ड्रेस बदले जा रहे हैं, लेकिन उन बच्चों को पढ़ाने के लिए विषयवार शिक्षक तक उपलब्ध नहीं हैं। इस सरकार ने शिक्षा को मजाक बना रखा है।
मांडर से कांग्रेस की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया ओर वित्त रहित स्कूलों के बच्चों को भी सामान्य स्कूलों की तरह सुविधाएं मिले, इसकी मांग सदन में की।
उन्होंने एकलव्य स्कूलों का संचालन एनजीओ के माध्यम से चलाने का भी विरोध किया। आजसू से गोमिया के विधायक डा. लंबोदर महतो, धनबाद से भाजपा के विधायक राज सिन्हा ने भी राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया और शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया।
वहीं, पोड़ैयाहाट से कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मांग की ओर सरकार को आगामी वित्तीय वर्ष में शिक्षा के क्षेत्र में कमियों को दूर करने को कहा।
बगोदर से माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को भरने व स्थानीय भाषाओं के शिक्षकों को नियुक्त करने की मांग की।
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने घंटी आधारित शिक्षकों की समस्याओं को सदन में उठाया, वहीं बरकट्ठा के निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव व टुंडी से झामुमो के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने भी अपनी बात रखी।