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झारखंड: नियोजन नीति के विरोध में BJP का हंगामा, मनाही के बाद भी 'नाय चलतो' लिखी टीशर्ट पहन सदन में आए विधायक

झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दसवें दिन गुरुवार को पहली पाली का सत्र भी हंगामे का भेंट चढ़ गया। कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायक नियोजन नीति के विरोध में हंगामा करने लगे और आसन के समक्ष पहुंचकर मुख्यमंत्री हाय-हाय के नारे लगाने लगे।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiPublished: Thu, 16 Mar 2023 05:15 PM (IST)Updated: Thu, 16 Mar 2023 05:15 PM (IST)
झारखंड: नियोजन नीति के विरोध में BJP का हंगामा, मनाही के बाद भी 'नाय चलतो' लिखी टीशर्ट पहन सदन में आए विधायक
विपक्ष का हंगामा जारी, नियमन के विरुद्ध 'नाय चलतो' नारा लिखा टीशर्ट पहनकर पहुंचे भाजपा विधायक।

राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दसवें दिन गुरुवार को पहली पाली का सत्र भी हंगामे का भेंट चढ़ गया। कार्यवाही होते ही भाजपा के विधायक नियोजन नीति के विरोध में हंगामा करने लगे। सभी भाजपा विधायक स्पीकर के नियमन के बाद भी 'नाय चलतो' तथा '1932 का क्या हुआ' नारा लिखा भगवा टीशर्ट पहनकर सदन में पहुंचे थे।

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भाजपा विधायकों ने लगाए हाय-हाय के नारे

भाजपा के विधायकों ने आसन के समक्ष पहुंचकर मुख्यमंत्री हाय-हाय के नारे लगाने लगे। विधायकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों के भी नारे लगाए। आजसू के विधायकों ने भी उनका साथ दिया। हालांकि हंगामे के बीच ही स्पीकर ने सदन चलाने का प्रयास किया। उन्होंने तीन अल्पसूचित प्रश्न भी लिए। हालांकि थोड़ी देर में ही उन्हें सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

जारी रहा विपक्ष का हंगामा

दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। हालांकि इस बीच शून्यकाल की कुछ सूचनाएं ली गईं। विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर ने भाजपा विधायकों से कहा कि टीशर्ट उतारकर आने का उन्होंने नियमन दिया था। जब नियम का पालन ही नहीं करना है तो आसन से कोई मांग क्यों करते हैं।

सरकार बताए 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति का क्या हुआ

आजसू विधायक लंबोदर महतो ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से 1932 के खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति लागू करने की मांग की। उन्होंने पूछा कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति से संबंधित उस विधेयक का क्या हुआ, जिसे सदन ने पारित किया था।

उक्त विधेयक कहां लटकी है तथा वह अधिनियम बनेगा ही नहीं। जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि शीघ्र नियुक्ति हो, इसके लिए राज्य सरकार ने कई नियुक्ति नियमावलियों में संशोधन किया है। इसपर लंबोदर महतो ने पूछा कि जब नियुक्तियां हो जाएंगी तब खतियान आधारित नियोजन नीति लागू करने से क्या फायदा होगा।

एक महीने में भीतर वक्फ बोर्ड का गठन

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल अंसारी ने वक्फ बोर्ड का गठन एक माह के भीतर करने का आश्वासन सदन को दिया। उन्होंने यह आश्वासन माले विधायक विनोद सिंह के सवाल पर दिया। विनोद सिंह ने कहा कि राज्य में 15 सूत्री राज्य और जिला समिति, वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक वित्त निगम का गठन नहीं होने से अल्पसंख्यकों के कल्याण हेतु योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो रहा है।

जवाब में मंत्री ने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम का गठन कर लिया गया है, जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना आदि विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। 15 सूत्री राज्य और जिला स्तरीय समिति का भी गठन कर लिया गया है।

हालांकि विनोद सिंह ने पूरक प्रश्न में कहा कि अल्पसंख्यक वित्त निगम का गठन नहीं हुआ है। यदि गठन हुआ है तो मंत्री सदस्यों के नाम बताएं। इसपर मंत्री ने नाम शीघ्र उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

सिंचाई के लिए परकोलेशन टैंक की जगह डीप बोरिंग को दें प्राथमिकता

सदन में अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने सिंचाई योजनाओं में परकोलेशन टैंक की जगह डीप बोरिगं को प्राथमिकता देने की मांग की। जवाब में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट में डीप बोरिंग के लिए 500 करोड़ के बजट का प्रविधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि इसपर एक अप्रैल के बाद स्वीकृति आदेश निकाला जाएगा। विधायक ने पूछा कि प्रत्येक प्रखंड में कितनी डीप बोरिंग योजना मिलेगी। इसपर मंत्री स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।


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