रांची, राज्य ब्यूरो: राज्यपाल रमेश बैस ने शुक्रवार को दो विधेयकों पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। इनमें झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2022 भी शामिल है, जिसपर चर्चा के लिए उन्होंने कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल को राजभवन बुलाया था। उन्होंने झारखंड आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक, 2022 पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
राज्यपाल ने झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन विधेयक, 2022 पर अपनी स्वीकृति राज्य सरकार को कुछ सुझाव के साथ प्रदान की है। उन्होंने कहा है कि इस विधेयक के आलोक में नियमावली के गठन के दौरान सभी हितधारकों से व्यापक चर्चा सुनिश्चित की जाए।
बाजार शुल्क के दर निर्धारण में राज्य के ग्रामीण तथा अनुसूचित जनजातीय समुदाय के किसानों का विशेष ध्यान रखते हुए शुल्क का निर्धारण किया जाए। साथ ही जिन वस्तुओं पर शुल्क लगाया जाना प्रस्तावित है, उनमें भी छोटे और कमजोर वर्ग से आनेवाले किसानों के हितों का विशेष ध्यान रखा जाए तथा राज्य स्तर पर गठित कृषि विपणन परिषद में हितसाधकों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में सहभागी किया जाए।
राज्यपाल ने त्रुटियों के कारण लौटाया था बिल, दूसरी बार मंत्री को बुलाया था राजभवन
राज्यपाल ने झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2022 को पूर्व में इसके हिन्दी व अंग्रेजी के ड्राफ्ट में अंतर के कारण राज्य सरकार को वापस लौटा दिया था। राज्य सरकार ने जब उसमें सुधार करते हुए विधानसभा से दोबारा पारित कराकर भेजा तो राज्यपाल ने उसपर चर्चा के लिए कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल को राजभवन बुलाया। उन्होंने मंत्री से विधेयक के प्राविधानों पर विस्तार से चर्चा की। मंत्री ने भी विधेयक में निहित प्रावधानों पर प्रकाश डाला। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे विधेयक बने जो जनहित में हो और लोगों पर अतिरिक्त वित्तीय भार न पड़े।
अब 500 की जगह 1200 करोड़ तक हो सकेगी आकस्मिकता निधि से निकासी
इधर, राज्यपाल ने झारखंड विधानसभा से पारित झारखंड आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक, 2022 पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान की है। इस विधेयक द्वारा अब राज्य की आकस्मिक निधि से निकासी की राशि 500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,200 करोड़ रुपए तक की कर दी गई है।