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Jharkhand News: सिकिदिरी परियोजना से बिजली उत्पादन ठप, झारखंड सरकार को लाखों का नुकसान

Sikidiri Power Project झारखंड को सबसे कम कीमत में बिजली उपलब्ध कराने वाली सिकिदिरी जल विद्युत परियोजना दो दिनों से ठप है। नहर का मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो पाया है। प्रबंधक ने काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 09:40 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 09:41 PM (IST)
Jharkhand News: सिकिदिरी परियोजना से बिजली उत्पादन ठप, झारखंड सरकार को लाखों का नुकसान
JBVNL Jharkhand: स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी में उत्पादन ठप हो गया है।

रांची, जागरण संवाददाता। स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी से दूसरे दिन शुक्रवार को भी विद्युत उत्पादन बंद रहा। राज्य में सबसे सस्ती दर पर विद्युत उत्पादन करने वाली इस यूनिट से उत्पादन नहीं होने से दो दिनों में राज्य विद्युत बोर्ड को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। गौरतलब है कि गुरुवार को आगरटोली गांव के समीप परियोजना की नहर के चैनल संख्या 65 में होल होने की जानकारी मिलने के बाद परियोजना प्रबंधक विनय अंगिरा के आदेश पर विद्युत उत्पादन बंद करा दिया गया था। शुक्रवार को कार्यपालक अभियंता विजय राम और सहायक अभियंता अशोक कुमार की देख-रेख में नहर की मरम्मत का काम शुरू किया गया, लेकिन मरम्मत कार्य देर से शुरू होने और बारिश के बार-बार व्यवधान के कारण नहर का मरम्मत कार्य पूरी नहीं हो पाया। परियोजना प्रबंधक अंगिरा ने स्वयं मौके पर जाकर अभियंताओं को अविलंब मरम्मत कार्य पूरी करने की हिदायत दी। मालूम हो कि वर्तमान में एसएलडीसी के शेड्यूल के अनुसार दोनों पावर हाउस को शाम में चार से पांच घंटे पीक आवर में चलाया जा रहा था।

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स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना सिकिदिरी की नहर हो गई है जर्जर

मरम्मत के नाम पर नहर में हर साल लाखों रुपये खर्च होते हैं, इसके बाद भी नहर की स्थिति अत्यंत जर्जर है। नहर की दीवार में जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं। कई जगह तो बड़े- बड़े होल बन गए हैं। जाहिर है नहर के मरम्मत कार्य में सिर्फ लीपापोती की जाती है। सूत्रों के अनुसार अधिकारी अपने चहेते संवेदकों को रेवड़ी की तरह काम आवंटित कर देते हैं। आम तौर पर नहर की मरम्मत का कार्य हर साल मई और जून महीने के बीच में होता है। इस दौरान नहर में पानी कम होता है। इसी साल जून महीने में लाखों रुपये खर्च कर नहर की मरम्मत का कार्य कराया गया है। बारिश के कारण फिलहाल नहर में पानी लबालब भरा हुआ है। किसानों ने बताया कि नहर में दरार होने के कारण नहर का पानी अगल-बगल की खेतों में जा रहा है। खेतों में अधिक पानी जाने से किसानों के खेतों में लगे धान की फसल बर्बाद हो रहा है। इस से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस को लेकर किसानों में भारी आक्रोश है।

दो घंटे रुकने के बाद सामान्य हुई बिजली आपूर्ति

उधर, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से गुरुवार को आधी रात में बिजली का सौदा करने से मना करने का असर झारखंड पर पड़ा। इसकी वजह आपूर्ति करने वाले बिजली उत्पादक संयंत्रों का बकाया का भुगतान नहीं होना था। देर रात ही अधिकारियों ने इससे संबंधित पत्राचार किया और दो घंटे के भीतर आपूर्ति सामान्य कर ली गई। बिजली वितरण निगम के मुताबिक इसका कोई असर नहीं पड़ा। झारखंड के साथ इस सूची में एक दर्जन से ज्यादा राज्य शुमार थे। झारखंड बिजली वितरण निगम के महाप्रबंधक (वाणिज्य एवं राजस्व) ऋषिनंदन के मुताबिक लेट पेमेंट सरचार्ज रूल के मुताबिक कार्रवाई की गई। इसमें बकाया का किस्त में भुगतान करने का प्रविधान है। झारखंड बिजली वितरण निगम ने पांच अगस्त को अंतिम किश्त का भुगतान किया है। बिजली का सौदा रोकने के बाद 45 दिन से ज्यादा बकाया की जानकारी सारे डिस्काम को पत्र देकर एक्सचेंज से मांगी गई। इस संबंध में 17 अगस्त को पत्राचार एक्सचेंज को भेजा गया। एक्सचेंज ने झारखंड पर 2144 करोड़ रुपये बकाया बताया है, लेकिन निगम के मुताबिक ऐसा नहीं है। इसका पूर्व में भुगतान हो चुका है। ऋषिनंदन ने बताया कि फिलहाल राज्य को बिजली मिल रही है। सिर्फ दो घंटे के लिए आपूर्ति बाधित हुई।


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