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    थैलेसिमिया पीड़ित मरीजों का पूरा खर्च वहन करेगी सरकार, रांची सदर अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट, Jharkhand Assembly में जानें किस बात पर हुआ हंगामा

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 05:47 PM (IST)

    झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन, एमबीबीएस प्रवेश में फर्जी प्रमाणपत्र के आरोप से सदन में तनाव रहा। विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग की। नेत ...और पढ़ें

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    विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन करते विपक्षी सदस्य।

    डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को कार्यवाही सुचारु रूप से चली, लेकिन विपक्ष ने एमबीबीएस प्रवेश में फर्जी प्रमाणपत्र के गंभीर आरोप लगाकर सदन में तनाव पैदा कर दिया।

    नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड संयुक्त चिकित्सा प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा बोर्ड (जेसीईसीईबी) के अधिकारियों पर संलिप्तता का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की। स्वास्थ्य, शिक्षा, बालू आपूर्ति और अनुपूरक बजट पर विस्तृत चर्चा हुई। सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे से शुरू होकर विभिन्न स्थगनों के बाद चली। 

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    विपक्ष का सीबीआई जांच का अल्टीमेटम

    सदन में सबसे बड़ा विवाद एमबीबीएस प्रवेश में फर्जी प्रमाणपत्र से नामांकन के मामले पर छिड़ा। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, जेसीईसीईबी के अधिकारियों की इसमें संलिप्तता साफ दिख रही है। यह राज्य की मेरिटेड छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

    सरकार को तुरंत सीबीआई से जांच करानी चाहिए, वरना हम सदन में इसका मुद्दा लगातार उठाते रहेंगे। मरांडी ने आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेजों से कई छात्रों को गलत तरीके से सीटें आवंटित की गईं, जिससे असली योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हुआ।

    स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि मामला गंभीर है और बोर्ड स्तर पर जांच शुरू हो चुकी है। हम किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। आवश्यकता पड़ी तो केंद्रीय एजेंसी को शामिल किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया। विपक्ष के विधायकों ने इस मुद्दे पर जोरदार नारेबाजी की, जिससे कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित रही।

    थैलेसिमिया पीड़ित मरीजों का पूरा खर्च वहन करेगी सरकार

    रांची सदर अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की होगी स्थापना। विधायक प्रदीप यादव के सवाल पर सरकार ने की घोषणा। धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने धनबाद में गैस रिसाव से लोगों के मरने का मामला उठाया। उन्होंने सदन से मांग कि यहां से एक टीम धनबाद जाए और विस्थापितों के रोजगार आदि पर निर्णय ले।

    ट्रामा सेंटरों का विस्तार और डॉक्टरों की कमी

    स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सदन में राज्य के ट्रामा सेंटरों की स्थिति पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, राज्य में ट्रामा सेंटरों की रिपोर्ट मंगाई गई है। मैन पावर की कमी से कुछ केंद्र पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहे।

    जल्द ही इन्हें संचालित करेंगे और नए ट्रामा सेंटर खोलेंगे। मैं खुद निरीक्षण करूंगा। धनबाद में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल खोलने की घोषणा की गई, जो डायलिसिस मरीजों के लिए वरदान साबित होगी।

    झरिया विधायक रागिनी सिंह ने धनबाद के गरीब मरीजों की परेशानी उठाई, जबकि बरही विधायक मनोज कुमार यादव ने स्थानीय अस्पताल में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा छेड़ा। मंत्री ने जवाब में कहा कि जल्द ही डॉक्टरों की बड़ी भर्ती की जा रही है।

    शिक्षा और छात्रवृत्ति में देरी पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

    शिक्षा विभाग पर चर्चा के दौरान बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव ने डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों और क्लर्कों की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, एडमिशन लिया गया, लेकिन टीचर नहीं हैं। छात्रवृत्ति भी नहीं मिल रही, जिससे बच्चे होटलों में काम करने को मजबूर हैं। कोडरमा विधायक नीरा यादव ने रिटायर्ड बैंक कर्मी से डिजिटल अरेस्ट ठगी की घटना पर संज्ञान लेने की मांग की।

    शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार से छात्रवृत्ति का पैसा नहीं मिला है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 370.87 करोड़ की मांग की गई, लेकिन एक रुपया भी नहीं आया। भवन निर्माण के बाद शिक्षकों की बहाली होगी। विपक्ष ने किसानों के धान खरीद में देरी और एमएसपी वादे पूरे न होने पर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया।

    बालू आपूर्ति की जिम्मेदारी पुलिस को देने पर विवाद

    कुशवाहा शशि भूषण मेहता ने बालू सप्लाई के मुद्दे पर तंज कसा, बालू का काम थाने को सौंप दिया गया। पुलिस को लॉ एंड ऑर्डर से मतलब, बालू से नहीं। क्या अब ब्लैक में ही खरीदना पड़ेगा? खनन मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने जवाब दिया कि पलामू में 71 घाटों पर 100 सीएफटी बालू उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार पारदर्शी तरीके से सप्लाई सुनिश्चित कर रही है, उन्होंने दावा किया।

    7721 करोड़ का प्रावधान, महिलाओं को प्राथमिकता

    सत्र के दूसरे दिन पेश 7721.25 करोड़ के द्वितीय अनुपूरक बजट पर आज विस्तृत बहस हुई। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि सबसे अधिक 2082.25 करोड़ महिला व बाल विकास विभाग को, 1324.82 करोड़ ग्रामीण कार्य विभाग को, 729.75 करोड़ स्वास्थ्य विभाग को और 526.34 करोड़ आपदा प्रबंधन को आवंटित किए गए। विपक्ष ने बजट को "कागजी शेर" बताते हुए कार्यान्वयन पर सवाल उठाए। मतदान कल (10 दिसंबर) निर्धारित है।

    सदन में हंगामा: कार्यवाही दो बार स्थगित

    कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने मुख्य द्वार पर धरना दिया। सदन शुरू होते ही विपक्ष व सत्ता पक्ष के विधायक वेल में उतर आए, जिससे शोर-शराबा मच गया। स्पीकर रबींद्रनाथ महतो की अपील बेअसर रही और कार्यवाही दो बार 15-15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

    सत्र का शेष एजेंडा

    शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर तक चलेगा। कल राजकीय कार्य निपटेंगे, जबकि अंतिम दिन गैर-सरकारी संकल्प पर चर्चा होगी। विपक्ष ने विधि-व्यवस्था, कोयला-बालू लूट और बेरोजगारी पर विशेष चर्चा की मांग की है।

    यह सत्र सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच हो रहा है, जहां विपक्ष सरकार को घेरने के लिए रणनीति बना चुका है।