खतरे में झारखंड विधानसभा की सुरक्षा, जवानों के हथियार असुरक्षित, फायर फाइटिंग सिस्टम भी फेल
Jharkhand assembly Security fail झारखंड विधानसभा की सुरक्षा खतरे में है। फायर फाइटिंग सिस्टम फेल है। जवानों के हथियार भी असुरक्षित हैं। यह बेहद चिंंता की बात है। विशेष शाखा की जांच रिपोर्ट से पुलिस मुख्यालय ने गृह सचिव को अवगत कराया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। विधानसभा की सुरक्षा खतरे में है। यहां फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह फेल है ही, जवानों के हथियार भी असुरक्षित हैं। सुरक्षा संबंधित कई खामियां हैं, जिन्हें समय रहते दुरुस्त नहीं किया गया तो भविष्य में किसी बड़ी घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को कराया गया अवगत
विशेष शाखा की इस रिपोर्ट से पुलिस मुख्यालय ने गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को अवगत कराया है। पुलिस मुख्यालय ने यह अनुशंसा भी की है कि इन खामियों को दुरुस्त किया जाय, इसके लिए बिंदुवार सुझाव भी दिया है।
क्या कहती है झारखंड पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट
पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार गेट नंबर एक, दो, तीन, चार व वाच टावर नंबर एक, दो, तीन व चार तथा पार्किंग स्थल, भवन के द्वितीय तल, तृतीय तल व परिसर में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा नहीं है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां सीसीटीवी कैमरा रहना अनिवार्य है।
विधानसभा परिसर में तीन सीसीटीवी कैमरे भी खराब
विधानसभा परिसर में कुल 110 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिनमें से तीन कैमरा खराब है, जिसकी मरम्मत आवश्यक है। विधानसभा भवन के पूर्वी ब्लॉक के पहले, दूसरे व तीसरे तल पर लगा हुआ फायर फाइटिंग सिस्टम खराब है। सुरक्षा के ख्याल ये इसकी मरम्मति कराए जाने की आवश्यकता है।
फायर एक्सटिंग्विशर की समय सीमा समाप्त हो गई है
इसके अलावा कुछ फायर एक्सटिंग्विशर की समय सीमा समाप्त हो चुका है, जिसे रिफिल कराने की आवश्यकता है। गेट नंबर दो व चार के पास सड़क पर लगे वाहन चेकिंग के कैमरे भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिन्हें दुरुस्त करने की जरूरत है।
पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को जो दिया सुझाव
- विधानसभा भवन के पूर्व-दक्षिण कोने पर सुरक्षाकर्मियों का आवास है। यहां जमशेदपुर जिला बल के जवान रहते हैं और उसी कमरे में अपना हथियार व कारतूस रखते हैं। इस कमरे की खिड़की शीशा का बना हुआ है, जिसमें लोहे का ग्रील नहीं है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस कमरे की खिड़की में लोहे का ग्रील लगाए जाने की आवश्यकता है।
- सत्र के दौरान मुख्यमंत्री के सेल की गैलरी में दूसरे-दूसरे सुरक्षाकर्मी भी भीड़ लगाए रहते हैं। यह मुख्यमंत्री की सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित नहीं है।
- विधानसभा परिसर में सभी विभागों में आपसी सामंजस्य स्थापित करने के लिए सेंट्रल कंट्रोल रूम नहीं है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से सेंट्रल कंट्रोल रूम आवश्यक है।
- विधानसभा के गेट नंबर चार के पास दक्षिण-पश्चिम कोने पर करीब 200-250 मीटर अर्द्धनिर्मित सड़क है, जिसे पूर्ण कराए जाने की आवश्यकता है।
- कुट्टे बस्ती के पास दीवार के समीप मिट्टी जमा हो जाने के कारण चारदीवारी की ऊंचाई कम हो गई है। इससे अवांछित तत्व आसानी से विधानसभा परिसर में प्रवेश कर सकते हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से उक्त स्थान पर मिट्टी समतलीकरण कराए जाने की आवश्यकता है।
- भवन के दक्षिण-पश्चिम कोने पर बाउंड्री वाॅल की ऊंचाई काफी कम है। वहां पर दीवार को कम से कम 15 फीट और ऊंचा करने व उस स्थान पर समुचित प्रकाश की व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है।
- सदन में पत्रकार दीर्घा, दर्शक दीर्घा, अध्यक्षीय दर्शक दीर्घा खुला हुआ है। इसमें सत्र के दौरान अवांछनीय वस्तु फेंके जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। सुरक्षा के ख्याल से सभी दीर्घा को शीशा से पैक कराए जाने की आवश्यकता है।
- विधानसभा में संचालित कैंटीन में कार्य करने वाले कर्मचारी की स्क्रीनिंग व जांच तथा चरित्र सत्यापन कराए जाने की आवश्यकता है।
- विधानसभा परिसर में निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को पहचान पत्र निर्गत किया जाए व उनका चरित्र सत्यापन कराया जाए।