अल्प अवधि के लिए झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने की तैयारी
रांची झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र अल्प अवधि का होगा। सत्र आहूत करने को लेकर कोई संशय नहीं है। राज्य सरकार संवैधानिक प्रविधानों के तहत मानसून सत्र आहूत करेगी। कोशिश की जाएगी कि एक या दो दिन के भीतर आवश्यक विधायी कार्य निपटाकर सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी जाए। इस बाबत तैयारी की जा रही है।
रांची : झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र अल्प अवधि का होगा। सत्र आहूत करने को लेकर कोई संशय नहीं है। राज्य सरकार संवैधानिक प्रविधानों के तहत मानसून सत्र आहूत करेगी। कोशिश की जाएगी कि एक या दो दिन के भीतर आवश्यक विधायी कार्य निपटाकर सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी जाए। इस बाबत तैयारी की जा रही है। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि जल्द ही वे इस विषय पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संग मंत्रणा करेंगे। तिथि तय होने के बाद कैबिनेट के जरिए राजभवन को इस बाबत प्रस्ताव भेजा जाएगा।
दरअसल, विधानसभा का सत्र आहूत करना संवैधानिक बाध्यता भी है। एक सत्र की अंतिम बैठक से दूसरे सत्र की पहली बैठक का अधिकतम अंतर छह माह का हो सकता है। विधानसभा के बजट सत्र की आखिरी बैठक 23 मार्च को हुई थी। इस लिहाज से 23 सितंबर के भीतर मानसून सत्र आहूत करना अनिवार्य होगा। मानसून सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट समेत जरूरी अध्यादेश सदन के पटल पर रख सकती है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण विधानसभा का बजट सत्र समय से पूर्व स्थगित हो गया था।
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यह है नियम :
विधानसभा का सत्र आहूत करने की शक्ति राज्यपाल में निहित होती है। संविधान में यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए।
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बरता जाएगा विशेष एहतियात :
अल्प अवधि के मानसून सत्र के दौरान विशेष एहतियात बरता जाएगा। इस दौरान दर्शक दीर्घा में प्रवेश पर पाबंदी लगाई जा सकती है। विधानसभा परिसर में विधायकों, मीडियाकर्मियों और वरीय अधिकारियों का प्रवेश होगा। बगैर मास्क के एंट्री पर रोक रहेगी। विधानसभा के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजेशन की खास व्यवस्था होगी। सदन के भीतर-बाहर शारीरिक दूरी का ख्याल रखने की भी हिदायत होगी।
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