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'रोटी, चावल देकर धर्म बदलने की छूट नहीं'

रांची : झारखंड स्वतंत्र विधेयक, 2017 पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि यह

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Aug 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 13 Aug 2017 03:00 AM (IST)
'रोटी, चावल देकर धर्म बदलने की छूट नहीं'
'रोटी, चावल देकर धर्म बदलने की छूट नहीं'

रांची : झारखंड स्वतंत्र विधेयक, 2017 पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि यह विधेयक किसी को जबरन या लालच देकर धर्म बदलने पर रोक लगाने के लिए लाया गया है। झारखंड में छोटे-छोटे प्रलोभन देकर लोगों खासकर आदिवासियों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। अब ऐसा नहीं होगा। वहीं, विपक्ष ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन बताया।

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भाजपा के मुख्य सचेतक राधा कृष्ण किशोर ने धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के हनन की विपक्ष की दुहाई पर कहा कि किसी धर्म के प्रचार करने में लोक व्यवस्था पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए। जबरन या लालच देकर किसी का धर्म नहीं बदला जा सकता। रोटी, चावल देकर धर्म बदलने की छूट नहीं दी जा सकती। नदी में नहलाकर, पानी पिलाकर धर्म नहीं बदला जा सकता। किशोर ने ईसाई धर्म माननेवाले लोगों की तीस फीसद वृद्धि होने को इससे जोड़ते हुए कहा कि वर्ष 2011 में ईसाइयों की संख्या 10,93,382 थी जो 2011 में बढ़कर 14,18,608 हो गई।

इधर, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने इस विधेयक को लाने की सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में अल्पसंख्यकों, ईसाइयों के खिलाफ एक मुहिम चल रहा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि किसी चीज में कुछ बुराई है तो अच्छाई भी। मदर टेरेसा को देश ने सम्मानित किया। नोबेल पुरस्कार भी मिला। वहीं, झामुमो के स्टीफन मरांडी ने इसे प्रवर समिति को सौंपने की मांग करते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने के नाते कोई भी धर्म मानने की छूट सभी को है। जब आइपीसी में ही जबरन या लालच देकर धर्म बदलने पर जेल व जुर्माना का प्रावधान है तो इसे अलग से लाने की क्या जरूरत है? इस कानून का यहां दुरुपयोग हो सकता है।

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विधायकों ने क्या कहा?

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विधेयक के पक्ष में :

- धर्म स्वतंत्र का अधिकार ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों ने लागू किया है। सनातन धर्म के लोग घट रहे हैं, यह चिंता की बात है। लोभ देकर किसी का धर्म न बदला जाए यह विधेयक की मूल भावना है।

- भानु प्रताप शाही, नवजवान संघर्ष मोर्चा।

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- सभी धर्मो का मूल सनातन धर्म है। कार्तिक उरांव ने भी कहा था कि जनजातियों को जीवित रखना है तो पूजा-पाठ, रीति रिवाज और सनातन धर्म को जीवित रखना होगा। यह विधेयक दलितों, आदिवासियों को मनोबल देगा।

- शिवशंकर उरांव, भाजपा।

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- इसमें राजनीतिकरण नहीं हो। जबरन धर्मातरण के रांची में कई केस आए हैं। संताल में कई ऐसे मामले आए हैं। गोड्डा में अवैध फंडिंग हो रही है।

- अमित कुमार मंडल।

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विधेयक के विरोध में :

- आखिर क्या पहाड़ टूट गया कि यह विधेयक लाना पड़ा। आइपीसी में तो पहले से ही प्रावधान है। झारखंड में सरकार झगड़ा को नहीं उभारे। ईसाइयों पर लग रहे सारे आरोप गलत हैं। सरकार एक भी जबरन धर्मातरण का उदाहरण बताए।

- साइमन मरांडी, झामुमो।

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इस विधेयक से मौलिक अधिकारों का हनन होगा। राज्य सरकार ने देवघर, देउड़ी आदि मंदिरों का सरकारीकरण किया। सरकार धार्मिक यात्रा के लिए रेल, बस, हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करती है तो यह जबरन धर्मातरण नहीं है?

- पौलुस सुरीन, झामुमो।

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सरकार ऐसा विधेयक नहीं लाए जिससे झारखंड जलने लगे। गाय के नाम पर लोगों को मारा जा रहा है। सरकार पहले इसपर रोक लगाए।

- इरफान अंसारी, कांग्रेस।

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