खूब चले बयानों के तीर, एक-दूसरे पर कसा तंज
रांची : विधानसभा में गुरुवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुआ। इस दौरान नारेबाजी से ल
रांची : विधानसभा में गुरुवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुआ। इस दौरान नारेबाजी से लेकर आरोप-प्रत्यारोप तक मढ़े गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हावी होने की भरसक कोशिश भी की। हालांकि झामुमो के विरोध का तेवर थोड़ा मंद था। सत्तापक्ष के विधायकों के आक्रामक तेवर की वजह से ऐसा हुआ। एक वक्त ऐसा आया जब भाजपा के बिरंची नारायण, राज सिन्हा, रामकुमार पाहन, अनंत ओझा ने मांग उठाई कि हंगामा करने वालों को मार्शल आउट कर दिया जाए। सत्तारूढ़ दल के सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने भी अपने तर्क से विपक्ष को चित किया। उन्होंने झामुमो पर तंज कसने में कोई कमी नहीं की। सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्षी खेमे के विधायकों की मर्जी का ही असर था कि गुरुवार को सदन की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद सुचारू तरीके से चली। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव सुने गए और दूसरी पाली में अनुपूरक बजट के प्रस्ताव पर चर्चा भी हुई।
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किसने क्या कहा :
सरकार ने सदन को बाईपास किया है। अब भूमि अधिग्रहण विधेयक लाकर उद्योगपतियों की मदद करेंगे। पहले हाथ पकड़ा था, अब गला पकड़ने की तैयारी है।
- हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष।
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झामुमो की समस्या यह है कि समय पर विषय को नहीं समझते। ट्रेन छूट जाती है तब प्लेटफार्म पर आते हैं। भूमि अधिग्रहण विधेयक अभी टेबल पर नहीं आया है लेकिन बहस कराने की मांग उठा रहे हैं। इनको कल (बुधवार) को सीएनटी पर बहस की मांग उठानी चाहिए थी तो आज उठा रहे हैं।
- राधाकृष्ण किशोर, मुख्य सचेतक, सत्तारूढ़ दल।
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एक घाव सूखा नहीं है, दूसरा कुरेद रहे हैं। पूरे राज्य में आग लगा हुआ है। मुख्यमंत्री से निवेदन है कि भूमि के तमाम संशोधन विधेयक नहीं लाए। हमलोग कसम खाकर नहीं आएं है कि सदन बाधित करेंगे।
-स्टीफन मरांडी, झामुमो।
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सवाल पूछा जाए। सदन को बाधित करना ठीक नहीं है। हाउस में जबरदस्ती हो रहा है। ऐसा नहीं चलेगा।
-भानु प्रताप शाही।
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