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Jharkhand Politics: चक्रव्यूह में फंसे झारखंड के सियासी दिग्गज, छोड़नी पड़ सकती विधायक की कुर्सी

Jharkhand Political Crisis झारखंड में सियासी ड्रामा खत्म नहीं हुआ है। हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर रहस्य बरकार है। इस बीच सियासी चक्रव्यूह में फंसे भाजपा और कांग्रेस के चार विधायकों की सांस अटकी हुई है। इनकी विधानसभा सदस्यता कभी भी रद हो सकती है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Thu, 22 Sep 2022 07:49 PM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2022 07:51 PM (IST)
Jharkhand Politics: चक्रव्यूह में फंसे झारखंड के सियासी दिग्गज, छोड़नी पड़ सकती विधायक की कुर्सी
Jharkhand Political Crisis: बाबूलाल मरांडी, राजेश कच्छप, इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोनगाड़ी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Political Crisis राजनीति में कब कौन बाजी पलट दे, कहना मुश्किल होता है, क्योंकि यह संभावनाओं का खेल है। पिछले एक माह से चर्चा थी कि हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में है। अब उनकी विधायकी खत्म हो सकती है। चुनाव आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को मंतव्य भेज दिया है। राज्यपाल ने भी कह दिया कि- दो तीन दिन में फैसला सुना देंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। राज्यपाल ने ऐसी चुप्पी साध ली कि मामला ही अब ठंडे बस्ते में नजर आ रहा है। लोगों के बीच चर्चा भी नहीं हो रही है। यह चिंगारी कब भड़केगी, कहना मुश्किल है। आखिर किसको किस मौके की प्रतीक्षा है, यह तो समय बताएगा।

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लेकिन इस बीच भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोनगाड़ी पुन: सुर्खियों में हैं। वजह- इनकी विधायकी खतरे में आ गई है। बाबूलाल मरांडी के बारे में तो स्पीकर न्यायाधीकरण सुनवाई भी पूरी कर चुका है। बस फैसला सुनाने की देरी है। शायद राज्यपाल के फैसले के बाद स्पीकर का भी फैसला आए? आइए जानते हैं इन चारों विधायकों के मामले में ताजा अपडेट क्या है।

कांग्रेस विधायकों ने आनलाइन सुनवाई की मांगी जानकारी

कांग्रेस के तीनों विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोनगाड़ी पर आरोप है कि भाजपा के साथ मिलकर हेमंत सोरेन सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे। आरोप खुद कांग्रेस ने ही लगाया है। कांग्रेस ने इनकी विधानसभा सदस्यता रद करने की मांग की है। गुरुवार को स्पीकर न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई। तीनों विधायकों ने स्पीकर न्यायाधिकरण में अपना जवाब दाखिल किया।

कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने जवाब के लिए रिज्वाइंडर दाखिल करने हेतु न्यायाधिकरण से दो सप्ताह का समय मांगा है। इस मामले में आरोपित विधायकों ने स्पीकर न्यायाधिकरण से यह भी जानकारी मांगी है कि उनके खिलाफ किन नियमों के तहत सुनवाई हो रही है। न्यायाधिकरण उन्हें इस मामले से संबंधित शिकायत की प्रतिलिपि उपलब्ध कराए। इसके बाद स्पीकर न्यायाधिकरण की सुनवाई स्थगित कर दी गई।

कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने अपनी पार्टी के इन विधायकों पर कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी। तीनों विधायक नकद रुपये के साथ कोलकाता में पकड़े गए थे। जिस रफ्तार से सुनवाई चल रही है, उससे यही लगता है कि इनकी सदस्यता कभी भी समाप्त हो सकती है।

इंसाफ मांगने झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे हैं बाबूलाल मरांडी

उधर, झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में दल बदल मामले में स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाने वाली भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान बहस जारी रही। मामले में अगली सुनवाई 28 सितंबर को होगी। इस दिन विधानसभा की ओर से पक्ष रखा जाएगा।

सुनवाई के दौरान बाबूलाल मरांडी की ओर से अदालत को बताया गया कि स्पीकर की ओर से मामले की सुनवाई के दौरान नियमों का पालन नहीं किया गया है। उनकी ओर से गवाहों की सूची दी गई थी, लेकिन नियमों के तहत गवाही नहीं की गई। गवाहों का प्रति परीक्षण भी नहीं कराया गया है। उन्हें पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। 30 अगस्त को सुनवाई समाप्त करते हुए आदेश सुरक्षित रख लिया गया।

अब विधानसभा के अधिवक्ता की ओर से प्रार्थी की बहस का जवाब दिया जाएगा, जिसके लिए 28 सितंबर की तिथि निर्धारित की गई है। हालांकि विधानसभा की ओर से पूर्व में कहा गया था कि बाबूलाल की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। स्पीकर ने अभी तक फैसला दिया ही नहीं है। फैसला आने के पहले ही हाई कोर्ट में अपील करना उचित नहीं है।


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