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Jharkhand Assembly: सीएम की सभा में बुर्का, काला दुपट्टा हटाने पर विपक्ष का विरोध

Jharkhand Assembly Budget Session. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर सदस्‍यों ने प्रदर्शन किया।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 12:39 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 05:11 PM (IST)
Jharkhand Assembly: सीएम की सभा में बुर्का, काला दुपट्टा हटाने पर विपक्ष का विरोध
Jharkhand Assembly: सीएम की सभा में बुर्का, काला दुपट्टा हटाने पर विपक्ष का विरोध

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को बीते दिन गिरिडीह जिले में मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यक्रम में महिलाओं का बुर्का और काला दुपट्टा जबरन उतरवाने के खिलाफ विपक्षी दलों ने विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक गीता कोड़ा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक जोबा मांझी ने रविवार को हुई घटना पर विरोध जताते हुए सदन में जोर-शोर से यह मामला उठाया।

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उनके विरोध का समर्थन करते हुए झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (JVM-P) विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि यह मुद्द गंभीर है। प्रदीप यादव के इतना कहने पर प्रतिक्रिया में, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक बिरंची नारायण ने पूछा कि जब तक बुर्का नहीं हटाया जाता, यह कैसे पता लगाया जा सकता है कि यह एक महिला है या आतंकवादी?

बाद में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक गीता कोड़ा ने कहा कि एकतरफ राज्य सरकार महिलाओं की भलाई से जुड़ी कई योजनाएं शुरू कर रही है, और दूसरी तरफ उन्हें अपमानित भी करती है। इसका मतलब यह है क‍ि सरकारी की ये योजनाएं सिर्फ महिलाओं काे लुभाने और उनका समर्थन हासिल करने के लिए है।

विधानसभा में सुबह से ही विपक्षी सदस्‍य अपने प्रश्नों को लेकर लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। सदस्‍य शिवशंकर उरांव ने सरकार से जानना चाहा कि राज्‍य में आदिवासी शक्ति स्‍वायतशासी विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना का क्‍या हुआ। उन्‍होंने याद दिलाया कि पूर्व में घोषणा के बाद भी अब तक समिति का गठन नहीं हो सका है।

मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि दस दिनों में समिति का गठन कर आदिवासी विश्‍वविद्यालय का प्रस्‍ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। पूर्व मुख्‍यमंत्री मधु कोड़ा की पत्‍नी विधायक गीता कोड़ा ने सरकार से पूछा कि राज्य गठन के बाद से अब तक कितने साइबर थाना खोले गए। उन्‍होंने कहा कि सभी जिलों में साइबर थाना नहीं खुला है। सरकार की ओर से जवाब में कहा गया कि राज्य गठन के समय 268 थाने थे जो अब बढ़कर 457 हो गए।

बजट सत्र की दूसरी पाली में स्पीकर दिनेश उरांव ने सदन के अधिकारी दीर्घा में विभागीय सचिवों की अनुपस्थिति पर चिंता जताई। उन्‍होंने कहा कि जिन विभागों की मांगों पर सदन में चर्चा हो रही है उनके भी सचिव अधिकारी दीर्घा में नहीं हैं। इस दौरान केवल राजस्व एवं भूमि सुधार के सचिव केके सोन वहां मौजूद रहे। बाकी विभागों के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी ही उपस्थित रहे।

कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने चुभता हुआ सवाल दागा- गरीबी मिटाना और भुखमरी खत्म करने में झारखंड का क्या रैंक है और भुखमरी मिटाने के लिए सरकार क्या कर रही है। झाविमो के विधायक प्रदीप यादव ने पूछा भूख से मौत की परिभाषा क्या है। सरकार की ओर से इन सवालों के जवाब में कहा गया कि झारखंड की 86 प्रतिशत आबादी खाद्य सुरक्षा के दायरे में है।

भूख से मौत पर राजनीति की भी दलील दी गई। महाराष्ट्र , केरल , छत्तीसगढ़ का हवाला देते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग को लेकर विधायक विरंची नारायण ने सवाल पूछा। जिसके जवाब में कहा गया कि सरकार ने महाराष्ट्र से पत्राचार किया है। प्रदीप यादव ने महेंद्र बेसरा की मौत पर भी सवाल उठाया।  उन्‍होंने पूछा, मुआवजा और लापरवाही पर करवाई होगी या नहीं। उन्‍होंने गृह सचिव से जांच कराने की मांग उठाई। सरकार की ओर से जवाब आया कि यह स्वाभाविक मृत्यु है, किसी तरह की जांच से इनकार किया गया।


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