JAP के IG सुधीर कुमार झा सेवानिवृत्त, 1984 में बिहार में बने थे डीएसपी
IPS Sudhir Kumar Jha Bihar आइपीएस सुधीर कुमार झा बिहार के पूर्णिया के धमदाहा के सिंहली स्थित ननिहाल में पले-बढ़े हैं। सेवानिवृत्ति के बाद आज उन्होंने कहा कि साहित्य से लगाव रहा है। आगे साहित्य से जुड़कर कुछ लिखते-पढ़ते रहेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सशस्त्र पुलिस (जैप) के आइजी सुधीर कुमार झा गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गए। मूल रूप से बिहार के सहरसा निवासी सुधीर कुमार झा पूर्णिया के धमदाहा के सिंहली स्थित ननिहाल में ही पले-बढ़े। सुधीर के पिता भूमिहीन व निरक्षर थे, लेकिन बचपन से ही पढ़ने में तेज-तर्रार होने के चलते परिवार ने सुधीर को खूब पढ़ाया। वे वर्ष 1984 में बिहार में डीएसपी बने थे।
पूर्णिया में प्रशिक्षण लेने के बाद औरंगाबाद, समस्तीपुर के रोसड़ा, समस्तीपुर सदर, बेगुसराय, विशेष शाखा, बीएमपी-11 (अब जैप-6 जमशेदपुर), यातायात डीएसपी जमशेदपुर, एसडीपीओ गुमला, डीएसपी सीआइडी, एएसपी अभियान नक्सल जमशेदपुर, एएसपी अभियान नक्सल चतरा, एसपी चाईबासा, एसपी साहिबगंज, एसपी सीआइडी, एसपी पलामू, एसपी सीआइडी, एसपी गढ़वा फिर एसपी सीआइडी और उसके बाद डीआइजी जैप तथा यहीं पर आइजी जैप से सेवानिवृत्त हुए हैं। सेवानिवृत्ति पर उन्होंने कहा कि साहित्य से लगाव रहा है, साहित्य से जुड़कर कुछ लिखते-पढ़ते रहेंगे। अपने कार्यकाल में किसी भी निर्दोष को नुकसान नहीं पहुंचाया। जो फंसे थे, उन्हें बाहर निकालने में मदद की।
एसडीपीओ गुमला का कार्यकाल सर्वाधिक चर्चित, 32 उग्रवादियों को कराया आत्मसमर्पण
आइजी सुधीर कुमार कुमार झा का एसडीपीओ गुमला का कार्यकाल सर्वाधिक चर्चित रहा। तब उन्होंने 32 उग्रवादियों को आत्मसमर्पण कराया था और इस दौरान दो दर्जन से अधिक उग्रवादी मारे गए थे। यातायात डीएसपी जमशेदपुर के वक्त वहां पांच नए थाने खुले। इसके बाद ही रांची में यातायात थाना खुला। एसपी चाईबासा के वक्त मानकी मुंडा सिस्टम को तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार झा ने ही शुरू किया था। इसके बाद कम्युनिटी पुलिसिंग की शुरुआत हुई थी।