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Jharkhand: बूढ़ा पहाड़ पहुंचें सीएम हेमंत सोरेन ने कहा- अब यहां गोलियों की नहीं, विकास की गूंज सुनाई देगी

Jharkhand बूढ़ा पहाड़ के लिए शुक्रवार नई उम्मीदों और आशाओं से भरा दिन था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नक्सलियों के गढ़ में पहुंचकर बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट का शुक्रवार को शुभारंभ किया। उन्‍होंने कहा कि बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में अब गोलियों की तड़तड़ाहट नहीं विकास की गूंज सुनाई देगी।

By Pradeep singhEdited By: Prateek JainPublished: Fri, 27 Jan 2023 10:08 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2023 10:08 PM (IST)
Jharkhand: बूढ़ा पहाड़ पहुंचें सीएम हेमंत सोरेन ने कहा- अब यहां गोलियों की नहीं, विकास की गूंज सुनाई देगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में अब गोलियों की तड़तड़ाहट नहीं विकास की गूंज सुनाई देगी।

रांची, राज्य ब्यूरोबूढ़ा पहाड़ के लिए शुक्रवार नई उम्मीदों और आशाओं से भरा दिन था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नक्सलियों के गढ़ में पहुंचकर बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट का शुक्रवार को शुभारंभ किया। इस प्रोजेक्ट के तहत एक सौ करोड़ रुपए से इस क्षेत्र में सभी मूलभूत जरूरी अनिवार्य और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़वा जिले के टेहरी पंचायत के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में अब गोलियों की तड़तड़ाहट नहीं विकास की गूंज सुनाई देगी।

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सीएम ने कहा कि कभी यह इलाका माओवादियों के खौफ का गवाह था। पूरे इलाके को माओवादियों ने अपने कब्जे में कर रखा था, लेकिन सुरक्षाबलों ने माओवादियों को कड़ी चुनौती देते हुए पूरे क्षेत्र को नक्सल मुक्त करा लिया है। आज हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं और विकास की एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। शायद पहली बार यहां ऐसा खुशनुमा माहौल देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में यह इलाका भी विकास के मामले में मील का पत्थर साबित होगा।

वापस मुख्‍यधारा में लौटें भटके युवा

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस भी वजह से नौजवानों ने भटकाव की राह पकड़ी हो, वे मुख्यधारा में वापस आएं। मुख्यधारा से भटकना किसी समस्या का समाधान नहीं है। बंदूक के बल पर आप कुछ देर के लिए डर और खौफ का माहौल तो पैदा कर सकते हैं, लेकिन यह ना तो आप के हित में है और ना ही समाज के। आप बंदूक का साथ छोड़ें और सरकार के साथ जुड़ें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन उत्पादों को बढ़ावा देने की सरकार ने योजना बनाई है। इसके तहत वन उत्पादों का एमएसपी तय किया जाएगा, ताकि इस पर आश्रित ग्रामीणों को वन उपजों का वाजिब मूल्य मिल सके। सरकार इन वन उत्पादों को खरीदेगी और हर गांव में एक दवा दुकान खोलेगी। इन दवा दुकानों को खोलने के लिए इंटर तक पढ़े लोगों को भी लाइसेंस मिल सकेगा। वहीं, इन दवा दुकानों को मोबाइल के जरिए सरकारी डाक्टर से जोड़ा जाएगा, जहां 24 घंटे आनलाइन सेवा मिल सकेगी।

इस अवसर पर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, डीजीपी नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अबुबकर सिदिक्की, एडीजी अभियान संजय लाटकर,आईजी अभियान अमोल होमकर, सीआरपीएफ आईजी झारखंड अमित कुमार, आयुक्त जटा शंकर चौधरी,आईजी पलामू जोन राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त गढ़वा रमेश घोलप, पुलिस अधीक्षक अंजनी झा और टेहरी पंचायत की मुखिया समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

सरकार के पास बेहतर आत्मसमर्पण नीति

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार के पास मुख्यधारा से भटके हुए लोगों के समर्पण हेतु बेहतर नीति है। एक ओर सरकार उनके विकास के लिए सरकार की योजनाओं से लाभान्वित तो कराती है, साथ ही उनके परिवार के साथ रहने के लिए ओपन जेल और उनके बच्चों के पढ़ाई के लिए भी पूरी व्यवस्था कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज समाज में बदलाव आ रहा है। पुरुष और महिलाएं किसी भी मायने में एक- दूसरे से कम नहीं है। कई मायनों में तो पुरुष से अधिक महिलाएं जागरूक होकर कार्य कर रहीं है। सरकार से सहायता प्राप्त कर ट्रैक्टर और सवारी गाड़ी लेकर उन्हें भाड़े पर देकर मुनाफा कमा रहीं है और अपने परिवार का उत्थान कर रहीं है।

सुनी समस्याएं, साथ बैठकर भोजन किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने मुझे सरकार बनाने का मौका दिया है। आपकी समस्याओं का समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है। इस मौके पर लोगों ने अपनी समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने मौजूद पदाधिकारियों को इनकी समस्याओं के निराकरण के लिए पहल करने का निर्देश दिया। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ मिलकर भोजन भी किया।

175 योजनाओं का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट के तहत पांच करोड़ दो लाख 79 हजार 939 रुपये लागत की कुल 175 योजनाओं का शुभारंभ किया, जिसमें विशेष केन्द्रीय सहायता योजना से कुल एक करोड़ 58 लाख 2 हजार 343 रुपये की 13 योजनाएं, उर्जा विभाग की 59 लाख 42 हजार 494 रुपये की एक योजना, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार के भूमि संरक्षण प्रभाग से 48 लाख 50 हजार रुपये की कुल 07 योजनाएं, मनरेगा अंतर्गत दो करोड़ 10 लाख 35 हजार 438 रुपये की 135 योजनायें एवं 15वें वित्त की 26 लाख 49 हजार 664 रुपये की 19 योजनायें शामिल हैं। योजनाओं का लाभ टेहरी और हर्सी पंचायत के 11गांवों के लगभग 5500 परिवारों को होगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 429 लाभुकों के बीच एक करोड 25 लाख 81 हजार 303 रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया।

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