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झारखंड: लोहरदगा में रंगे हाथ रिश्‍वत लेते इंजीनियर गिरफ्तार, एसीबी ने 17 हजार घूस लेते दबोचा

अभियंता के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद से ही भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो ने उस पर पैनी नजर रखी हुई थी। बुधवार को अभियंता ने जैसे ही ठेकेदार से घूस की रकम ली एसीबी ने उसे धर दबोचा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 01:17 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 02:01 PM (IST)
झारखंड: लोहरदगा में रंगे हाथ रिश्‍वत लेते इंजीनियर गिरफ्तार, एसीबी ने 17 हजार घूस लेते दबोचा
झारखंड: लोहरदगा में रंगे हाथ रिश्‍वत लेते इंजीनियर गिरफ्तार, एसीबी ने 17 हजार घूस लेते दबोचा

लोहरदगा, जेएनएन। लोहरदगा में एसीबी ने विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अमरेन्द्र गांधी को 17000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। अभियंता अमरेंद्र ठेकेदार आशुतोष कुमार से किसी योजना का बिल पास करने के लिए घूस ले रहा था। अभियंता के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद से ही भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो ने उस पर पैनी नजर रखी हुई थी। बुधवार को अभियंता ने जैसे ही ठेकेदार से घूस की रकम ली, एसीबी ने उसे मौके पर ही धर दबोचा।

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लोहरदगा में एसीबी ने स्पेशल डिवीजन के ईई को दबोचा

लोहरदगा में एसीबी की टीम ने स्पेशल डिवीजन के कार्यपालक अभियंता अमरेंद्र गांधी को 17 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। एसीबी की टीम करीब आधे घंटे तक कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में उससे पूछताछ करती रही। बताया जा रहा है कि स्पेशल डिवीजन के कार्यपालक अभियंता अमरेंद्र गांधी ने भंडरा प्रखंड में एक पीसीसी पथ निर्माण योजना के संवेदक आशुतोष कुमार से 67 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। कार्यपालक अभियंता द्वारा संवेदक को बार-बार परेशान किया जा रहा था।

... ठेकेदार से 17 हजार रुपए ले रहे थे रिश्वत

थक हारकर संवेदक ने कार्यपालक अभियंता को 50 हजार रुपए दिए भी थे। इसके बाद शेष पैसे के लिए संवेदक को तंग किया जा रहा था। इसकी शिकायत संवेदक ने  एसीबी की टीम से की थी। एसीबी की टीम ने पहले दंडाधिकारी के माध्यम से मामले की जांच कराई। मामले में सत्यता पाए जाने के बाद बुधवार को एसीबी की टीम लोहरदगा पहुंची थी।

आधे घंटे तक ईई के कार्यालय में पूछताछ करती एसीबी की टीम

जैसे ही संवेदक ने कार्यपालक अभियंता को शेष 17 हजार रुपए दिए। वैसे ही एसीबी की टीम ने कार्यपालक अभियंता को धर दबोचा। कार्यपालक अभियंता ने चालाकी दिखाते हुए पैसों को अपनी टेबल में छिपा दिया था। इस पैसे को ढूंढने और अन्य बातों का पता लगाने को लेकर कार्यपालक अभियंता से एसीबी को काफी देर तक पूछताछ करनी पड़ी। बाद में एसीबी की टीम कार्यपालक अभियंता को अपने साथ रांची ले गई है।


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