आरयू में अक्टूबर से शुरू होगी जापानी भाषा की पढ़ाई
रांची विवि में अक्टूबर से जापानी भाषा की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
जागरण संवाददाता रांची : रांची विवि में अक्टूबर से जापानी भाषा की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यह वोकेशनल कोर्स के अंतर्गत संचालित होगा। शुरुआत छह माह के सर्टिफिकेट कोर्स से होगा। कोर्स संचालन को लेकर मंगलवार को रांची विवि व तमाई इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ। रांची विवि की ओर से रजिस्ट्रार डा. अमर कुमार चौधरी और तमाई इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की मैनेजर हिना कुमारी ने करार पर हस्ताक्षर किए। कोर्स निदेशक डा. मुकुंदचंद मेहता होंगे। पढ़ाई इंस्टीट्यूट आफ लीगल स्टडीज की बिल्डिंग में होगी। डा. मेहता ने बताया कि सर्टिफिकेट कोर्स के बाद डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। आने वाले समय में स्पेनिश और जर्मन जैसी अन्य विदेशी भाषाओं की भी पढ़ाई शुरू होगी। 35 सीटों पर होगा नामांकन
इस सर्टिफिकेट कोर्स में 35 सीटों पर नामांकन होगा। सप्ताह में चार दिन और पूरे पाठ्यक्रम में कुल 80 कक्षाएं होंगी। शिक्षक तमाई इंडिया प्राइवेट लिमिटेड उपलब्ध कराएगी। एमओयू के दौरान प्रभारी कुलपति डा. कामिनी कुमार, डीएसडब्ल्यू डा. पीके वर्मा, एफए सुविमल मुखोपाध्याय, वोकेशन कोर्स को-आर्डिनेटर डा. मुकुंदचंद मेहता, डीआर डा.प्रीतम कुमार और कोर्स समन्वयक डा.स्मृति सिंह सहित अन्य मौजूद थे। तीन अक्टूबर से मिलेगा फार्म
जापानी भाषा की पढ़ाई के लिए फार्म तीन से 15 अक्टूबर तक इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्ट्डीज से प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन करने के लिए किसी भी संकाय से 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। उम्र की कोई बाध्यता नहीं है। सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए शुल्क 11000 रुपये और एससी व एसटी के लिए 9000 रुपये लगेंगे। अल्पसंख्यक कालेज के शिक्षकों को मिलेगा पेंशन, सिंडिकेट में लगी मुहर
जागरण संवाददाता रांची : रांची विवि के अंतर्गत आने वाले छह अल्पसंख्यक कालेजों के शिक्षकों को पेंशन का लाभ मिलेगा। मंगलवार को रांची विवि में प्रभारी कुलपति प्रो. कामिनी कुमारी की अध्यक्षता में हुई सिंडिकेट की आपात बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद अल्पसंख्यक कालेज के शिक्षकों को पेंशन देने पर स्वीकृति दी गई है। रांची विवि के अंतर्गत संचालित होने वाले अल्पसंख्यक कालेजों में संत जेवियर्स, गोस्सनर, निर्मला, योगदा सत्संग, संत पॉल कालेज और परमवीर अलबर्ट एक्का कालेज शामिल हैं। अल्पसंख्यक कालेज के शिक्षकों को पेंशन देने के मामले हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए थे। सरकार ने अदालत को बताया था कि अल्पसंख्यक कॉलेजों के वैसे शिक्षक जिनकी नियुक्ति 19 दिसंबर 2012 के बाद हुई है, उन्हें ही पेंशन का लाभ देगी। शिक्षकों ने इसे गलत बताते हुए अदालत में चुनौती दी। कहा था कि पेंशन का लाभ सभी को मिलनी चाहिए। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार के आदेश को रद्द कर दिया था। सरकार को एक शुद्धि पत्र जारी कर सभी शिक्षकों को लाभ देने का आदेश जारी करने का आदेश दिया था।