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विधायक इरफान ने दी मंत्री बन्‍ना को नसीहत, अपने काम से मतलब रखें; कांग्रेसियों में फिर छिड़ी रार

जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने इस मसले पर खुलकर बोलते हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता को संतुलित बातें करने और अपने विभाग तक ही सीमित रहने की नसीहत दे डाली।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 05:11 AM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 11:17 AM (IST)
विधायक इरफान ने दी मंत्री बन्‍ना को नसीहत, अपने काम से मतलब रखें; कांग्रेसियों में फिर छिड़ी रार
विधायक इरफान ने दी मंत्री बन्‍ना को नसीहत, अपने काम से मतलब रखें; कांग्रेसियों में फिर छिड़ी रार

रांची, जेएनएन। झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे कांग्रेस कोटे के चार मंत्रियों की सीएम से मुलाकात रद हाेने के बाद कांग्रेस में फिर से रार छिड़ती नजर आ रही है। सरकार के नीतिगत फैसलों पर सवाल उठाने वाले स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता इस मामले में अकेले पड़ते और घिरते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस संगठन की ओर से जहां कार्यकारी अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर ने दो टूक कहा कि 35 आइपीएस के तबादले के मसले पर संगठन को किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है।

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वहीं जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने इस मसले पर खुलकर बोलते हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता को संतुलित बातें करने और अपने विभाग तक ही सीमित रहने की नसीहत दे डाली। इरफान ने पुलिस महकमे में हुए इस बड़े फेरबदल को सही ठहराते हुए कहा कि मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता की बातें गलत हैं। सीएम को तबादले का पूरा अधिकार है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को सरकार के नीतिगत फैसलों में इस प्रकार हस्‍तक्षेप नहीं करना चाहिए। वे अपना ध्‍यान अपने विभाग तक ही सीमित रखें।

इधर कृषि मंत्री बादल ने भी सुर बदलते हुए कहा कि 35 आइपीएस के तबादले के मसले पर कांग्रेस पार्टी को कहीं से कोई शिकायत नहीं है, हम मुख्‍यमंत्री से इस बारे में कोई चर्चा नहीं चाहते। मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता की बातों से इत्तफाक नहीं रखते हुए गुरुवार को सीएम से मिलने के बारे में उन्‍होंने कहा कि झारखंड से बाहर फंसे लोगों के बारे में आग्रह करने गए थे।

बता दें कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता ने प्रोजेक्‍ट भवन में मीडिया से बातचीत में साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस के चारों मंत्री मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन से चार मुद्दों पर चर्चा करने गए थे। जिसमें पुलिस महकमे में हुए भारी-भरकम तबादले का मुद्दा सबसे अहम था। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में सरकार के कुछ फैसले पर आपत्ति जताई थी। जिसमें सचिवों को 5 करोड़ रुपये तक के खर्च के अधिकार और सभी अभियंत्रण विभागों को मर्ज करने का फैसला शामिल था। उन्‍होंने कहा कि दूसरे राज्‍यों में फंसे छात्राें और मजदूरों को लाने का मुद्दा भी सीएम के साथ चर्चा में था। 


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