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जमशेदपुर को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास तेज, सीएम हेमंत सोरेन ने दिए ये निर्देश

Jamshedpur Industrial Area News मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक कर अधिकारियों से कहा कि टाटा स्टील के अधिकारियों से बात कर हल निकाला जाए।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 09:36 AM (IST)
जमशेदपुर को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास तेज, सीएम हेमंत सोरेन ने दिए ये निर्देश
जमशेदपुर को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने का प्रयास तेज, सीएम हेमंत सोरेन ने दिए ये निर्देश

रांची, राज्य ब्यूरो। जमशेदपुर को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में घोषित किए जाने को लेकर पिछले कई वर्षों से चल रही कवायद का हल ढूंढने की कोशिशें एक बार फिर राज्य सरकार के स्तर से शुरू की गई हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जमशेदपुर को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने की राह में आ रही दिक्कतों को दूर करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि इस मसले पर टाटा स्टील के अधिकारियों के साथ बैठक कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।

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बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया कि जमशेदपुर औद्योगिक नगरी के गठन को लेकर वर्ष 2005 से ही प्रयास किया जा रहा है। विभागीय सचिव ने पीपीटी के माध्यम से मुख्यमंत्री का ध्यान वैसे ङ्क्षबदुओं की ओर आकृष्ट कराया जिन पर कार्रवाई लंबित है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि 30 जनवरी 2017 को जमशेदपुर के तत्कालीन उपायुक्त ने 10889.32 एकड़ भूमि में औद्योगिक नगरी एवं 4496.46 एकड़ में जमशेदपुर नगर निगम गठित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को उपलब्ध कराया था।

इस प्रस्ताव पर 19 दिसंबर 2017 को टाटा स्टील के एमडी और उनके निदेशक बोर्ड से सहमति की अपेक्षा की गई थी। सचिव ने यह भी जानकारी दी कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 13 (3) के प्रावधान के अनुसार जमशेदपुर को नगरपालिका क्षेत्र के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव है, जिसके फलस्वरूप क्षेत्र में झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2012 के समस्त प्रावधान वहां लागू होंगे।

इस संबंध में प्रस्ताव जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को नगरपालिका क्षेत्र के रूप में घोषित करने के निमित्त तैयार किया गया है, जिस पर विभागीय मंत्री की सहमति भी प्राप्त की गई। विधि विभाग की भी राय ली जा चुकी है। सचिव ने बताया कि उक्त प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने स्पष्ट किया कि यह कार्यवाही झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 में 'अधिसूचित क्षेत्र समिति' का उल्लेख नहीं रहने के कारण संपत्ति कर एवं प्रवेश शुल्क आदि की वसूली अधिसूचित क्षेत्र समिति द्वारा किए जाने पर आपत्ति है।

बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, राजस्व विभाग के सचिव केके सोन, कोल्हान आयुक्त मनीष रंजन, पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त सूरज कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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